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दिल्ली पुलिस लगातार ड्रग्स सिंडिकेट पर शिकंजा कस रही है. पुलिस स्पेशल सेल ने नार्थ ईस्ट इंडिया इलाके के ड्रग्स सिंडिकेट को पकड़ा है. पुलिस ने शालीमार बाग इलाके से दो आरोपियों को करीब 20 करोड़ रुपए की 5 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. इनके पास से ड्रग्स ट्रैफिकिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. आरोपियों के नाम आलोक त्रिपाठी और मोहम्मद अनवर अली है.
स्पेशल सेल नॉर्थन रेंज को जानकारी मिली कि एक ड्रग कैटल हाई क्वॉलिटी की हेरोइन को दिल्ली, UP और मणिपुर में सप्लाई कर रहा है. ये कैटल मणिपुर से ऑपरेट हो रहा है. ये सप्लायर म्यांमार और मणिपुर के इंटरनेशनल बॉर्डर के पहाड़ी इलाको से रॉ मैटेरियल लेते थे.
पुलिस को जानकारी मिली थी कि ये दोनों आरोपी दिल्ली में किसी मुन्नी को ड्रग्स सप्लाई करने आ रहे हैं. पुलिस ने शालीमार बाग इलाके के श्मशान घाट के बाहर इन दोनों को पकड़ा था. इनके पास से 5 किलो फाइन क्वालिटी की हेरोइन बरामद हुई. दोनों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि इनको मणिपुर के रहने वाले नाजिर और वारिस ने ये ड्रग्स दी थी और ये दोनों पिछले 4-5 साल से ड्रग्स सप्लाई में शामिल हैं.
आलोक 12वीं पास है और मोहम्मद अनवर अली एक यूनिवर्सिटी में 4th क्लास का कर्मचारी है. आलोक 8-9 साल से लगातार दिल्ली और UP के इलाकों में ड्रग सपलाई कर रहा है जो मणिपुर से रोड के रास्ते दिल्ली और UP के इलाकों में ड्रग्स सप्लाई करता था.
मोहम्मद अली 4-5 साल पहले वारिस और नाजिर के संपर्क में आया था. नाजिर ही उसको इस धंधे में लाया था और इनके इशारे पर वो दिल्ली और उत्तर प्रदेश के इलाकों में ड्रग्स सप्लाई करता था.
दोनों आरोपियों ने बताया कि नाजिर और वारिस के मणिपुर के बॉर्डर इलाके में अच्छे लिंक हैं और वो म्यांमार से ड्रग्स का बड़ा कन्साइनमेंट उठाते हैं. म्यांमार में बेहतर और सस्ती क्वॉलिटी की ड्रग्स मिलती है जिसकी डिमांड ज्यादा है. यही कारण है कि म्यांमार से हिंदुस्तान में बड़ी मात्रा में ड्रग्स आती है. पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया और लगातार पूछताछ जारी है.