Advertisement

जहांगीरपुरी से अरेस्ट संदिग्ध आतंकियों की साजिश बेनकाब, राइट विंग लीडर की हत्या का था प्लान

बीते दिनों दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से अरेस्ट किए गए संदिग्ध आतंकी नौशाद और जगजीत सिंह से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस का कहना है कि दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में भी थे. दोनों का क्रिमिनल रिकॉर्ड है. इन दोनों ने राइट विंग लीडर की हत्या की साजिश रची थी.

जहांगीरपुरी से अरेस्ट संदिग्ध आतंकी जहांगीरपुरी से अरेस्ट संदिग्ध आतंकी
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

26 जनवरी से पहले दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके से दो संदिग्ध आतंकी नौशाद और जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया है. दोनों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. एडिशनल सीपी प्रमोद कुशवाहा का कहना है कि ये दोनों राइट विंग लीडर की हत्या करना चाहते थे. दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में भी थे. दोनों का क्रिमिनल रिकॉर्ड है. नौशाद पर पूर्व में हत्या के दो मामले दर्ज हैं. 

Advertisement

प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि नौशाद और जगजीत के पास से 3 पिस्टल और 22 कारतूस मिलें हैं. आतंकी अर्श डल्ला इन्हें कंट्रोल कर रहा था. ये बात भी सामने आई है कि 15 दिसंबर इन्होंने एक आदमी की हत्या की थी. इस वादरात को अंजाम देने के बाद पाकिस्तान में इसकी सूचना भी दी थी. नौशाद और जगजीत दोनों हल्द्वानी जेल में मिले थे. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन्हें हथियार कहां से मिले.

इससे पहले संदिग्ध आतंकियों की निशानदेही पर पुलिस ने शनिवार को भलस्वा स्थित एक प्लॉट से शव के टुकड़े बरामद किए थे. शव को 8 से 9 टुकड़ों में काटा गया था. दोनों संदिग्धों ने विदेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर एक शख्स का गला काटा और उसकी लाश के कई टुकड़े करके भलस्वा डेरी इलाके में फेंक दिए थे.

Advertisement

चौंकाने वाली बात ये है कि जहां दंगा हुआ, वहां दिल्ली पुलिस की आंख में धूल झोंककर महीनों से अपना ठिकाना बनाया हुआ था. लेकिन दिल्ली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. बता दें कि जुलाई 2022 में जहांगीरपुरी में राम नवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. उसके बाद से इलाके में लोकल पुलिस, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस की खुफिया इकाई की स्पेशल ब्रांच लगातार एक्टिव थीं.

इसके बावजूद नौशाद और जगजीत ने यहां अपना ठिकाना बनाया था. दिल्ली पुलिस के दावों के मुताबिक दोनों ने भलस्वा में किराए का मकान लिया. एक संदिग्ध आतंकी ने शख्स का गला काटा. हैंड ग्रेनेड जुटाए, लेकिन दिल्ली पुलिस को कुछ पता नहीं चला. जबकि इस इलाके में दंगों के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए रोजाना रेड की जाती थी.

जिस मकान में नौशाद और जगजीत रहते थे, उसके मालिक पूरन चंद का कहना है कि नौशाद किराए पर रह रहा था, कुछ महीनों से जगजीत भी यहां आकर रहने लगा था. पूरन चंद ने बताया कि 6-7 महीने पहले 2 महिलाएं आईं थी. किराए पर कमरा मांगा, पहचान पत्र नहीं दिया था. अब पुलिस ने रेड की, कोर्ट में मकान मालिक का बयान करवाया. पूरन चंद का आरोप है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. आईडी प्रूफ के सवाल पर उन्होंने कहा कि नौशाद तो इस इलाके में सालों से रह रहा है, जब से वह जेल से छूट कर आया है, तब से यहीं है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement