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लोन ऐप के जरिए 1977 लोगों को ठगा, डेटा चुराकर बनाईं अश्लील फोटो, 6 गिरफ्तार

मोबाइल ऐप से लोन देने के नाम पर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो तुरंत लोन देने के नाम पर लोगों को शिकार बनाता और उनसे मोटा ब्याज वसूलता था. ब्याज देने से मना करने पर लोगों की अश्लील फोटो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था.

अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2023,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

क्या आपने भी लोन ऐप पर रजिस्ट्रेशन करके लोन लिया हुआ है या ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं? तो ऐसा करने से पहले आपको दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए ठग गिरोह के इस कारनामे के बारे में एक बार जरूर जान लेना चाहिए. 

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को बेहद आकर्षक ऑफर देकर पहले तो लोन देते थे और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर बदले में उनसे मोटा ब्याज वसूलते थे. अगर कोई शख्स ज्यादा ब्याज देने से मना कर देता था तो गिरोह के लोग अश्लील फोटो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते थे.

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350 करोड़ का संदिग्ध ट्रांजेक्शन

इस सनसनीखेज मामले का खुलासा दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने किया है. वारदात में शामिल 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसमें सरगना भी शामिल है. पकड़े गए आरोपी अब तक 1977 लोगों के साथ फ्रॉड कर चुके हैं. जांच में पुलिस को करीब 350 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का भी पता चला है.

लोगों को आकर्षित करने देते थे झांसा

पुलिस के मुताबिक गिरोह एडवांस कैश के नाम से लोन ऐप का संचालन करता था. आरोपी लोगों को आकर्षक लोन देने का झांसा देते थे. ऐप के जरिए ठग कस्टमर का मोबाइल एक्सेस कर उनका डेटा और कॉन्टेक्ट्स लिस्ट चुरा लेते थे. इसके बाद ग्राहक को ज्यादा ब्याज पर पैसे वापस करने के लिए ब्लैकमेल किया जाता था.

जांच में सामने आया चौंकाने वाला खुलासा

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लोन लेने वाले जो भी ग्राहक ज्यादा ब्याज देने से इनकार कर देते थे, उनकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें अश्लील बना दिया जाता था. आरोपी उसके कांटेक्ट में मौजूद दोस्तों और रिश्तेदारों को फोटो भेजकर कस्टमर को ब्लैकमेल करते थे. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो देशभर में इस गिरोह से जुड़ी 1977 शिकायतों के बारे में जानकारी मिली थी.

7 मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के नाम गोकुल, मुस्तजाब, अनीस भाई, नितिन, अशोक और बलवंत हैं. नितिन ही इस गैंग का सरगना है, जो पहले एक चाइनीज लोन ऐप कंपनी में काम करता था. इन्होंने एक फर्जी कंपनी खोल कर कई बैंक एकाउंट खुलवाए थे. इन बैंक एकाउंट में पुलिस को करीब 350 करोड़ रुपए के लेन-देन का पता चला है. इसके अलावा 83 करोड़ रुपये के ऐसे ट्रांजेक्शन के बारे में भी पता चला है, जिसका इस्तेमाल कर इन्होंने लोन बांटे हुए हैं. पुलिस ने इस गिरोह के पास से 7 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 15 डेबिट कार्ड और कुल 60 लाख रुपये अलग अलग बैंक एकाउंट से बरामद किए हैं.

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