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दिल्ली में पकड़े गए आठ बांग्लादेशी, फर्जी दस्तावेज बनाने वाले भारतीय मददगार भी चढ़े पुलिस के हत्थे

दिल्ली पुलिस ने राजधानी में रह रहे 8 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले गिरोह और डिजिटल भुगतान ऐप्स के जरिए बांग्लादेश को धन भेजने वाले एक सीमा-पार मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भी खुलासा किया है. कई अवैध प्रवासियों ने यहां अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिला भी दिलवा रखा था.

यह सांकेतिक तस्वीर है यह सांकेतिक तस्वीर है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:50 PM IST

दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. दक्षिण दिल्ली से आठ बांग्लादेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है.  इसके अलावा, छह अन्य अवैध प्रवासियों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के माध्यम से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है, जबकि चार अन्य की जांच की जा रही है.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस जांच में फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले गिरोह और डिजिटल भुगतान ऐप्स के जरिए बांग्लादेश को धन भेजने वाले एक सीमा-पार मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भी खुलासा हुआ है. कई अवैध प्रवासियों ने यहां अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिला भी दिलवा रखा था.

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकिता चौहान के मुताबिक, यह नेटवर्क बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश कराने, उन्हें रहने की जगह देने, रोजगार दिलाने और आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र तथा भारतीय पासपोर्ट जैसी फर्जी पहचान उपलब्ध कराने में शामिल था.

गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद आलमगीर (34) भी शामिल है, जो 2007 में भारत आया था और कबाड़ के कारोबार से जुड़ा था. उसने एक भारतीय महिला से शादी कर ली और उसके दो बच्चे हैं. उसका छोटा भाई, मोहम्मद ज्वेल इस्लाम (27), 2021 में आया और वह भी कबाड़ के धंधे में लगा हुआ था.

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एक अन्य आरोपी मोहम्मद रिजाउल साल 2000 से भारत में रह रहा था और भारतीय पासपोर्ट हासिल कर चुका था. वो इस पासपोर्ट के जरिए भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा कर धन और सामान की तस्करी करता था.

पुलिस ने खुलासा किया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद मोइनुद्दीन था, जो दिल्ली में एक कंप्यूटर की दुकान चलाता था और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज तैयार करता था. इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर अवैध प्रवासियों के लिए आधार, पैन और मतदाता पहचान पत्र बनाए जाते थे.

पुलिस ने छापेमारी के दौरान 23 मतदाता पहचान पत्र, 19 पैन कार्ड, 17 आधार कार्ड, 11 जन्म प्रमाण पत्र, छह खाली मतदाता पहचान पत्र और फर्जी दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल होने वाला एक कंप्यूटर सीपीयू बरामद किया है.

 

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