
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की नियुक्ति पर विवाद थम नहीं रहा है. सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में उनकी नियुक्ति के खिलाफ याचिकाएं दायर हैं. गुरुवार को हाईकोर्ट में गृह मंत्रालय (MHA) ने एक हलफनामा दायर कर अस्थाना की नियुक्ति को सही ठहराया है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि उनकी नियुक्ति के लिए भी वही प्रक्रिया अपनाई गई है, जो बाकी 8 पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के लिए अपनाई गई थी.
वहीं, राकेश अस्थाना भी एक हलफनामा दायर कर दावा किया है कि उनके खिलाफ 'व्यक्तिगत प्रतिशोध' की भावना के तहत याचिकाएं दायर की गई हैं. उन्होंने अपने हलफनामे में कहा है, 'याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत प्रतिशोध के चलते याचिकाएं लगाईं हैं. इसलिए ये याचिकाएं जनहित में नहीं हैं, बल्कि किसी के व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए कोर्ट का दुरुपयोग है.' उन्होंने दावा किया कि उनके करियर को खराब करने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने अपने सीबीआई के कार्यकाल के दौरान दाखिल याचिकाओं पर सवाल उठाते हुए इसे 'चुनिंदा हमले' बताया है. उन्होंने कहा कि जब वो सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर थे, तब भी 2017-18 में उनकी नियुक्ति के खिलाफ चार याचिकाएं दायर हुई थीं और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. राकेश अस्थाना ने दावा किया कि एक या दो लोग ही हैं जो संगठन चलाते हैं और मेरे खिलाफ अज्ञात कारणों से कार्रवाई कर रहे हैं.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट में नवंबर में सुनवाई होगी. याचिकाकर्ताओं ने उनकी नियुक्ति को 'अवैध' बताया है. साथ ही ये भी दावा किया है कि उनकी नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट की तय गाइडलाइंस का उल्लंघन किया गया.
वहीं, गृह मंत्रालय ने राकेश अस्थाना का बचाव करते हुए कहा कि कुछ एनजीओ बिना वजह और गलत आरोप लगा रहे हैं. राकेश अस्थाना को इसी साल 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया गया था.