
दिल्ली के कंझावला कांड के बाद दिल्ली पुलिस की पीसीआर नीति (PCR Policy) पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. अब दिल्ली पुलिस ने PCR कंट्रोल से जु़डे नियम कानून को बदल दिया है. कमिश्नर संजय अरोड़ा ने दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश अस्थाना के फैसले को बदलते हुए निर्णय लिया है कि PCR अब एक अलग यूनिट के तौर पर कार्य करेगी.
पूर्व कमिश्नर राकेश अस्थाना ने की थी यह व्यवस्था
तत्कालीन दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने PCR यूनिट को जिलों के साथ अटैच कर दिया था. अब उसे वापस पहले की तरह PCR यूनिट में तब्दील किया जा रहा है. यानी PCR यूनिट जिलों से अलग पहले की तरह स्वतंत्र तरीके से काम करेगी.
इससे PCR का जो काम है, उसे PCR के तरीके से किया जाएगा. जिलों में PCR को विलय करने से मुख्य रूप से जो शिकायत आ रही थी, वह यह थी कि किसी भी अपराध की जानकारी पर निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं पा रही है और PCR कर्मियों को दूसरे ड्यूटी में इस्तेमाल किया जा रहा है.
हादसे वाली रात चौकन्नी नहीं दिखी थी दिल्ली पुलिस
दिल्ली के कंझावला में अंजलि का मौत 1 जनवरी 2023 को हुई थी. उसके शव को दिल्ली की सड़कों पर 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था. मगर, चौंकाने वाली बात ये है कि ये सब उस रात हुआ, जब पूरा देश न्यू ईयर का जश्न मना रहा था.
दिल्ली पुलिस के पुख्ता सुरक्षा के दावों के बीच अंजलि ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया था. कंझावला में 1 जनवरी की सुबह एक राहगीर ने कार के पीछे लाश घिसटती देखी थी. इसके बाद उसने पुलिस को करीब 3.24 बजे कॉल की थी.
दीपक नाम के युवक ने बताया था कि वह लगभग 3.15 बजे दूध की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था, तभी उसने एक कार को आते देखा. पीछे के पहियों से जोर की आवाज आ रही थी. इसके बाद उसने पुलिस को कार के पीछे शव लटके होने की जानकारी पुलिस को दी थी.
दीपक ने कहा था कि वो सुबह 5 बजे तक पुलिस के संपर्क में रहा. मगर, कोई भी मौके पर नहीं आया. उसने बेगमपुर तक कार का पीछा किया.