
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के सियासी गलियारी में इन दिनों एक अलग तरह का 'नक्शा युद्ध' छिड़ा हुआ है, जो राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बना हुआ है. आमतौर पर चुनावों के दौरान शहर या प्रदेश के नक्शे के आधार पर उनके विकास की बातें होती हैं लेकिन इस बार मामला अपराध और आपराधिक गतिविधियों का है.
हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली का एक नक्शा जारी किया, जिसमें राजधानी में होने वाले अपराधों की जानकारी दी गई है. इस कदम का मकसद बीजेपी को घेरना था, क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है.
AAP ने इस मुद्दे को उछालते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में भी इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की.
दूसरी तरफ, दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व AAP नेता कपिल मिश्रा ने इसके जवाब में 'क्राइम ऑफ AAP' नाम का दूसरा नक्शा जारी किया. इसमें उन AAP नेताओं की तस्वीरें और उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी दी गई है, जो भ्रष्टाचार या आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में फंसे हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान में अभी एक महीने से ज्यादा का वक्त बाकी है, लेकिन अभी से ही यह साफ दिख रहा है कि चुनावी मुकाबला बढ़ते अपराध और नेताओं के आपराधिक मामलों पर केंद्रित रहेगा. इस नक्शा युद्ध ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां मुद्दे विकास से हटकर अपराध की ओर मुड़ गए हैं. ऐसे में आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस नक्शा युद्ध को किस नजरिए से देखती है.