Advertisement

इस बार दिवाली में पटाखों से प्रदूषण 40 प्रतिशत कम हुआ

‘सफर’ के अध्ययन में कहा गया है कि 2014 की तुलना में दिवाली के दौरान (18-22 अक्टूबर) कम प्रदूषण रहा. दिवाली के एक दिन बाद सूक्ष्म कणों की मात्रा नहीं बढ़ी लेकिन प्रसार ज्यादा रहा. वायु गुणवत्ता तीन दिनों के भीतर दिवाली पूर्व स्तर पर पहुंच गई. 

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

इस बार दिवाली पर पटाखों से प्रदूषण साल 2016 की तुलना में 40 फीसदी कम हुआ. सफर (वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और रिसर्च प्रणाली) के मुताबिक ऐसा बताया गया है. यह उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखों की बिक्री पर क्षेत्र में लगाए गए प्रतिबंध के आलोक में महत्वपूर्ण है.

एजेंसी की खबर के मुताबिक, ‘सफर’ के अध्ययन में कहा गया है कि 2014 की तुलना में दिवाली के दौरान (18-22 अक्टूबर) कम प्रदूषण रहा. दिवाली के एक दिन बाद सूक्ष्म कणों की मात्रा नहीं बढ़ी लेकिन प्रसार ज्यादा रहा. वायु गुणवत्ता तीन दिनों के भीतर दिवाली पूर्व स्तर पर पहुंच गई.

Advertisement

इस आधार पर निकाले नतीजे

वायु गुणवत्ता आकलन करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी सफर ने इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद उत्सर्जन के स्रोतों, मौसमी स्थिति, वायु की गुणवत्ता के विस्तृत अध्ययन के आधार पर ये नतीजे निकाले.

प्रदूषण में हुई गिरावट

सफर ने जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2016 में पटाखों से उत्सर्जन की तुलना में गिरावट महत्वपूर्ण रही. दिवाली की रात 19 अक्टूबर को 50 प्रतिशत, 20 अक्टूबर को 25 प्रतिशत और 21 अक्टूबर को 45 प्रतिशत रहा.

बता दें कि इस दिवाली सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में पटाखा बिक्री पर बैन लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू हो सकती है. इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता था कि पटाखों के कारण प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement