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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर एम्स के डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया की चेतावनी- कोरोना मामलों में हो सकता है इजाफा

आजतक से बात करते हुए गुलेरिया ने कहा है कि प्रदूषण जहां पर ज्यादा रहता है, वहां कोरोना भी ज्यादा घातक साबित हो सकता है. वहीं इस वजह से फेफड़ों में सूजन भी आ सकती है.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर गुलेरिया की चेतावनी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर गुलेरिया की चेतावनी
स्नेहा मोरदानी
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST
  • दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर गुलेरिया की चेतावनी
  • कोरोना मामलों में हो सकता है इजाफा

दिल्ली में प्रदूषण की हालत बद से बदतर होती जा रही है. हवा इतनी जहरीली है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. अब इस खतरे के बीच AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ी चेतावनी दे दी है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कोरोना मामलों को भी बढ़ा सकता है.

दिल्ली में प्रदूषण हाई, गुलेरिया की चेतावनी

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आजतक से बात करते हुए गुलेरिया ने कहा है कि प्रदूषण जहां पर ज्यादा रहता है, वहां कोरोना भी ज्यादा घातक साबित हो सकता है. वहीं इस वजह से फेफड़ों में सूजन भी आ सकती है. गुलेरिया ने ये भी जानकारी दी कि प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस लंबे समय तक हवा में रह सकता है. ऐसे में फिर राजधानी में मामले बढ़ते का डर है.

कैसे बढ़ गया प्रदूषण?

इस सबके अलावा रणदीप गुलेरिया ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि प्रदूषण की वजह से दिल्ली में लोगों की जिंदगी छोटी हो गई है. वे कम उम्र में खतरनाक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. AIIMS डायरेक्टर की माने जितना नुकसान सिगरेट के धुएं से नहीं होता, उससे कही ज्यादा ये प्रदूषण कर रहा है. इस सब के ऊपर क्योंकि त्योहार का मौसम रहा, ऐसे में गाड़ियों की आवाजाही भी बढ़ गई. गुलेरिया मानते हैं कि इसने भी दिल्ली की हवा को जहरीला बनाया है.

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कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि दिवाली के पटाखों ने हवा को जहरीला नहीं बनाया है. ऐसे में पटाखों पर बैन लगाने का कोई मतलब नहीं था. लेकिन गुलेरिया ने जोर देकर कहा है कि दिल्ली की इस स्थिति के लिए दिवाली भी कुछ हद तक जिम्मेदार रही है.

अब पर्यावरणविद् विमलेन्दु झा ने भी कहा है कि, ''वायु प्रदूषण से हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण के कारण अपने जीवन के 9.5 साल खो देते हैं. लंग केयर फाउंडेशन का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हर तीसरे बच्चे को अस्थमा है.''

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