
दिल्ली में गर्मियां शुरू हो चुकी हैं. साथ ही राजनीतिक तापमान भी बढ़ने लगा है. शुक्रवार को सुबह-सुबह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया और उसमें दावा किया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले 10 सालों में दिल्ली को पावर कट से मुक्ति दिला दी थी, लेकिन बीजेपी सरकार के आते ही दिल्ली के कई इलाकों में बिजली गुल हो रही है. अरविंद केजरीवाल ने दिनभर बिजली कटौती से जुड़े कई लोगों के पोस्ट को रिट्वीट भी किया.
अरविंद केजरीवाल ने आरोप तो लगा दिया, लेकिन 10 साल में क्या वाकई बिजली कटौती नहीं हुई? इस पर कोई आंकड़ा नहीं दिया. शाम होते-होते दिल्ली के बिजली मंत्री आशीष सूद ने सोशल मीडिया के जरिए ही 2024 और 2025 का वो डाटा जारी किया, जिस समय दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी.
पोस्ट में ये दिखाया गया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के आखिरी 12 महीनों में दिल्ली में लगभग 21,597 बार बिजली कटौती हुई और वह भी एक घंटे से ऊपर की. बिजली मंत्री ने औसत भी निकाल दिया और लिखा कि हर रोज इस हिसाब से लगभग 59 बार दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक घंटे या उससे ऊपर पावर कट होता आया है. बिजली मंत्री ने केजरीवाल के दिल्ली में न होने पर भी तंज कसा और कहा कि पंजाब में रहते हुए वह दिल्ली के मुद्दों पर हकीकत से दूर बातें कर रहे हैं.
बिजली को लेकर दिल्ली में खूब होती है सियासत
अरविंद केजरीवाल ने जब दिल्ली की सियासत में कदम रखा था, तो उन्होंने सबसे पहले शीला दीक्षित सरकार को बिजली के मुद्दे पर ही घेरा था, तब उन्होंने बिजली कंपनियों पर भी कई आरोप लगाए थे, और ये तक कहा था कि दिल्ली में बिजली के दाम आधे कर देंगे. हालांकि दिल्ली में बिजली के दाम आधे करने का दावा भी आधा ही लागू हुआ, क्योंकि बिजली कंपनियों को आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान बिजली बिल का तो पूरा हिस्सा मिला, लेकिन दिल्ली के उपभोक्ताओं को सब्सिडी के जरिए 200 यूनिट तक खर्च करने पर राहत दी गई. दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार ने भी यह साफ किया है कि वह बिजली बिल पर मिल रही सब्सिडी जारी रखेंगी.