
देश की राजधानी दिल्ली, जहां हर साल बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं. उनका सपना IAS-PCS बनकर देश के सिस्टम को बदलने का होता है. इन्हीं बच्चों में शामिल थी तेलंगाना की 25 साल की तान्या. तमाम छात्र-छात्राओं की तरह तान्या भी प्रशासनिक अधिकारी बनकर सिस्टम को बदलना चाहती थी लेकिन शनिवार को वह खुद व्यवस्था का शिकार हो गई.
दिल्ली के राजेंद्र नगर की RAU's IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में चलने वाली लाइब्रेरी में शनिवार को अचानक पानी भर गया. जब तक बच्चे कुछ समझ पाते वे हादसे का शिकार हो गए और दो छात्राओं और एक छात्र की मौत हो गई. मरने वालों में तान्या भी शामिल थी.
बिहार लाया जाएगा पार्थिव शरीर
तान्या सोनी तेलंगाना के सिकंदराबाद की रहने वाली थी. केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने तान्या के पिता विजय कुमार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने मृतक के शरीर को वापस लाने में पूरी मदद करने का वादा किया है. केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली स्थित अपने कार्यालय को सभी लंबित औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने के लिए पुलिस और अन्य अधिकारियों के साथ संपर्क में रहने का निर्देश दिया है. तान्या के परिवारवाले बिहार के मूल निवासी हैं इसलिए उसके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बिहार के औरंगाबाद लाया जाएगा.
'कार्रवाई से ही बच्चों को मिलेगा इंसाफ'
दिल्ली में तान्या के कजिन प्रतीक ने बताया, 'मेरे पास आज सुबह घर से फोन आया कि ऐसी घटना हुई है जिसके बाद मैं यहां पहुंचा. ये बहुत दुखद घटना है. ये सभी के लिए सीखने वाली बात है... बच्चों के साथ इस तरह की त्रासदी होती है. इसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है और उसे क्या सजा मिलती है इसका एक एंड रिजल्ट सामने आना चाहिए. आंदोलन करना, मुद्दा उठाना, टीवी पर चलाना अलग चीज है लेकिन इसके पीछे कौन था, उस पर क्या कार्रवाई हुई, ये हमारे सामने आना चाहिए. तभी जाकर बच्चों को इंसाफ मिलेगा. ये मामूली बच्चे नहीं हैं. IAS की तैयारी कर रहे हैं, आगे चलकर देश के ब्यरोक्रेट्स बनेंगे. उनके साथ अगर ये हादसा हो रहा है तो सोचिए बच्चे इस देश में कितने सुरक्षित हैं.'
उन्होंने कहा, 'ये जांच का विषय है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के पास सारे सर्टिफिकेट थे कि नहीं, लाइब्रेरी खोलने की अनुमति थी कि नहीं और अगर थी तो वो किसने दी, किस आधार पर दी, ये जानना बहुत जरूरी है. आप जाकर राजेंद्र नगर में देख लीजिए सारे इंस्टीट्यूट वैसे ही खुले हैं, क्या सभी के पास प्रॉपर डॉक्यूमेंट्स हैं और वो डॉक्यूमेंट्स कौन चेक करता है और अगर नहीं चेक करता है तो ये किसकी जिम्मेदारी है. किसी भी सरकार पर जिम्मेदारी डालने से पहले उस इंसान पर डालिए जो जांच करके इन्हें खोलने की परमिशन दे रहा है.'
'आज तीन बच्चे मरे हैं, बहुत मर सकते थे'
प्रतीक ने कहा, 'ये बहुत सोचने वाली बात है कि पानी अचानक बेसमेंट में कैसे भर गया कि बच्चे निकल नहीं पाए. ये बहुत बड़ा जांच का विषय है. इसके लिए सभी जिम्मेदार हैं. वो मां-बाप भी जिम्मेदार हैं जो अपने बच्चों को ऐसी जगह पर भेजते हैं जो न जांच करते हैं, न चेक करते हैं. एक नागरिक के तौर पर ये गलती हमारी भी है कि हम नहीं देख पाते हैं कि हमारे बच्चे कहां पढ़ रहे हैं, उन्हें क्या सुविधाएं मिल रही हैं. आज तीन बच्चे मरे हैं, बहुत मर सकते थे.'
'उसी सिस्टम का शिकार हो गई तान्या जिसे बदलना चाहती थी'
उन्होंने कहा, 'मेरी मांग है कि जो भी इसका जिम्मेदार है उसे सजा मिलनी चाहिए, उसे ऐसी सजा मिले कि पूरा हिंदुस्तान उसे याद रखे और आने वाले समय में कोई भी ऐसा गलत काम करने से पहले उसे चेक करे. तान्या से मेरी लंबे समय से बात नहीं हुई थी. वह बहुत होनहार छात्रा थी. तान्या IAS बनना चाहती थी, देश को सुधारना चाहती थी. आज उसी सिस्टम का शिकार हो गई जिस सिस्टम को वो बदलना चाहती थी.'