
कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब इस वैरिएंट ने दिल्ली में भी दस्तक दे दी है. राष्ट्रीय राजधानी में पहला मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए कोरोना के 3 सैंपल्स में से एक नए वैरिएंट जेएन.1 और दो ओमीक्रॉन के पाए गए हैं. इसके साथ ही देश भर में नए वैरिएंट के अब तक 110 केस सामने आ चुके हैं.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने न्यूज एजेंसी को बताया कि दिल्ली में ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 3 सैंपल्स भेजे गए थे. इनमें से एक जेएन.1 और दो ओमीक्रॉन के केस मिले हैं.
बता दें कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 529 नए मामले दर्ज किए गए हैं. अब देशभर में में एक्टिव मरीजों की संख्या 4,093 हो गई है. मंत्रालय के बुधवार सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार 24 घंटे में कोरोना के तीन मरीजों की मौत हुई है. इसमें दो मरीज कर्नाटक और एक मरीज गुजरात से हैं. इस बीच कोविड-19 के सब-वैरिएंट JN.1 के 40 नए केस दर्ज किए गए. वहीं शाम को दिल्ली में भी एक केस की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही 26 दिसंबर तक देशभर में नए वैरिएंट के केसों की संख्या बढ़कर 110 हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गुजरात में 36, कर्नाटक में 34 और गोवा में 14, महाराष्ट्र में 9, केरल में 6, राजस्थान और तमिलनाडु में 4-4, तेलंगाना में दो और दिल्ली में 1 नए वैरिएंट के केस सामने आए हैं.
वर्ल्ड लेवल पर पहली बार पहचान कब हुई?
JN.1 सब-वैरिएंट की पहली बार पहचान अगस्त में की गई थी. यह ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना है. 2022 की शुरुआत में BA.2.86 ही कोरोना के मामलों में वृद्धि का कारण था. BA.2.86 व्यापक रूप से नहीं फैला था, लेकिन इसने विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया था क्योंकि BA.2.86 के स्पाइक प्रोटीन पर अतिरिक्त म्यूटेशन हुए थे और उसी तरह JN.1 के स्पाइक प्रोटीन में भी एक अतिरिक्त म्यूटेशन है.
कितना खतरनाक है कोविड का नया वैरिएंट JN.1?
जेएन.1 सब-वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह काफी तेजी से फैलता तो है लेकिन इससे फैलना वाला संक्रमण काफी हल्का है. WHO की पूर्व साइंटिस्ट और ICMR की पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि जेएन.1 कितना गंभीर है, इस बारे में जानकारी के लिए अभी हमारे पास पर्याप्त डेटा नहीं है. हमें चिंता की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है. वहीं हम यह भी नहीं कह सकते कि यह निमोनिया या मृत्यु का भी कारण बन सकता है.