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'दिल्ली दंगे से पहले मेरे घर हुई थी सीक्रेट मीटिंग...' हेड कांस्टेबल की हत्या में शामिल आरोपी का कुबूलनामा

Delhi Riots 2022: देश की राजधानी दिल्ली में साल 2020 में सीएए-एनआरसी को लेकर दंगे हुए थे. इस दौरान कई लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसमें एक नाम दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल का भी शामिल था. अब इस मामले में एक गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा हुआ है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या व दंगों में शामिल आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी पर पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था और लगातार उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी को मणिपुर से पकड़ा है. वो करीब तीन साल से फरार था.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी मोहम्मद खालिद निवासी चांद बाग का रहने वाला है. दिल्ली में सीएए और एनआरसी को लेकर साल 2020 में दंगे हुए थे. इस दौरान कई लोगों की हत्या कर दी गई थी. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. सैकड़ों लोग घायल हो गए थे और सरकारी व निजी संपत्तियों का भारी नुकसान हुआ था.

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750 से अधिक लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR

इस मामले में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में 750 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई थीं. दंगे में पुलिस हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या भी कर दी गई थी. इसमें खालिद का नाम शामिल था. मगर, वो दिल्ली से फरार हो गया था. हाल ही में क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली कि रतन लाल की हत्या में आरोपी खालिद इंफाल (म्यांमार-भारत सीमा के पास) में छिपा है. 

'दंगे से पहले घर पर की गई सीक्रेट मीटिंग'

इसके बाद पुलिस ने उसको इंफाल से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि साल 2020 में वो बड़े भाई अयाज और अन्य साथियों के साथ दिल्ली के चांद बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था. उसके घर में एक सीक्रेट मीटिंग की गई थी. इसमें लाठी, लोहे की रॉड आदि इकट्ठे करने और सड़कों को बंद करने का निर्णय लिया गया था. 

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पुलिस टीम पर किया हमला, रतन लाल की हुई मौत

प्लान के मुताबिक, भीड़ ने सड़कों को जाम कर दंगा करना शुरू कर दिया. इस दौरान चांद बाग विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. इसके बाद मुख्य वजीराबाद रोड को बंद करने का प्रयास किया गया. यहां पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो खालिद उसके भाई अयाज और अन्य लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. साथ ही पुलिस पर हमला कर दिया. इसमें हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई. इसके अलावा कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए.

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