Advertisement

'दादी-नानी प्रोटेस्ट नहीं था शाहीन बाग, शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत पर कोर्ट में बोली दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत से कहा कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन शरजील इमाम और आसिफ मुजतबा द्वारा जानबूझकर बुलाई गई भीड़ थी. पुलिस ने कहा, 'शाहीन बाग नानी-दादी का विरोध प्रदर्शन नहीं था. उस प्रदर्शन में स्थानीय समर्थन की कमी थी और लोगों को दूसरे इलाकों से लाया गया था.'

दिल्ली दंगों की तस्वीर (File photo) दिल्ली दंगों की तस्वीर (File photo)
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को 2020 दिल्ली दंगों की साजिश रचने के मामले में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी. पुलिस ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में शरजील इमाम, उमर खालिद और अन्य आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं का विरोध किया.

'विरोध के लिए लोगों को दूसरे इलाकों से लाया गया'

Advertisement

दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत से कहा कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन शरजील इमाम और आसिफ मुजतबा द्वारा जानबूझकर बुलाई गई भीड़ थी. पुलिस ने कहा, 'शाहीन बाग नानी-दादी का विरोध प्रदर्शन नहीं था. उस प्रदर्शन में स्थानीय समर्थन की कमी थी और लोगों को दूसरे इलाकों से लाया गया था.'

दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा, 'विरोध स्थलों को एक सुनियोजित साजिश के तहत बनाया गया था और उन्हें असली विरोध का मुखौटा दिया गया था. विरोध प्रदर्शन को 'दादी नानी प्रोटेस्ट' के रूप में प्रचारित किया गया था. सबूतों से पता चलता है कि ये विरोध स्थल असली नहीं थे.'

'क्या ये यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने के लिए काफी है?'

पुलिस ने कहा, 'व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि दूसरे विरोध प्रदर्शन की साजिश शरजील इमाम और आसिफ मुजतबा ने रची थी.' अदालत ने दिल्ली पुलिस के वकील से यह भी पूछा कि क्या विरोध स्थल का आयोजन करना किसी व्यक्ति के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने के लिए काफी है.

Advertisement

अदालत ने वकील से यह भी पूछा कि वह एक चार्ट भी बनाए, जिसमें दिखाया जाए कि कौन सा आरोपी व्यक्ति किसी खास व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य था. इस मामले में कल भी सुनवाई जारी रहेगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement