Advertisement

दिल्ली दंगा: उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट मीडिया में हुई थी लीक, कोर्ट ने पुलिस से तलब किया जवाब

उमर खालिद ने इससे पहले आरोप लगाया था कि मीडिया उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कैंपेन चला रही है. इसके साथ ही उसने अदालत से पुलिस को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसे या उसके वकील को चार्जशीट मिलने से पहले यह मीडिया को कैसे मिल गया.

उमर खालिद ने कोर्ट में रखी अपनी बात (फाइल फोटो) उमर खालिद ने कोर्ट में रखी अपनी बात (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST
  • उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट हो गई थी लीक
  • दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस से पूछे सवाल
  • पुलिस को दिया गया 14 जनवरी तक का वक्त

गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट की कॉपी आरोपी या उसके वकील को मिलने से पहले ही कथित तौर पर मीडिया में कैसे लीक हो गई. इस सवाल का जवाब देने के लिए दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने 14 जनवरी तक का वक्त दिया है.

Advertisement

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह 14 जनवरी तक यह बताए कि अदालत के चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले वह कैसे कथित तौर पर मीडिया में लीक हो गई. खालिद की याचिका में कहा गया कि सप्लीमेंट्री चार्जशीट में लगाए गए आरोप और मीडिया में उसकी डिटेलिंग कथित रूप से 'गलत', 'दुर्भावनापूर्ण' और निष्पक्ष सुनवाई के उसके अधिकार से समझौता करने वाले थे.

खालिद ने इससे पहले आरोप लगाया था कि मीडिया उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कैंपेन चला रही है. इसके साथ ही उसने अदालत से पुलिस को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसे या उसके वकील को चार्जशीट मिलने से पहले यह मीडिया को कैसे मिल गया.

गुरुवार की सुनवाई के दौरान खालिद ने कहा, "जैसा मैंने पहले उल्लेख किया था, मुझे चार्जशीट उपलब्ध कराए जाने से पहले ही यह सार्वजनिक हो गया और मीडिया उसके आधार पर रिपोर्टिंग कर रही थी. मुझे खबरों में पढ़कर यह पता चला कि चार्जशीट में मेरे द्वारा दिए गए एक बयान का उल्लेख है और उस तथाकथित बयान के आधार पर मीडिया ने यह खबर चलाई कि मैंने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है."

देखें: आजतक LIVE TV

Advertisement

खालिद ने आगे कहा कि जब मुझे आरोप-पत्र मिला तो मेरे उस तथाकथित बयान के नीचे लिखा था 'हस्ताक्षर करने से इनकार किया'. इसके बावजूद इसे लीक किया गया और फिर इस तरह की खबरें बनाई गईं.

खालिद ने कोर्ट से कहा, "यह पहली बार नहीं है, ऐसा पहले भी हो चुका है. गैर पेशेवराना तरीके से कोई बात पहले पब्लिक डोमेन में जाती है और उसके बाद वह कोर्टरूम में पहुंचती है. जब मैं इन रिपोर्टों को जेल में पढ़ता हूं, तो इससे मुझे गहरी पीड़ा होती है. मैं उम्मीद नहीं करता कि पुलिस की तरफ से ऐसा आखिरी बार किया गया होगा. ऐसा दूसरे मामलों में भी हुआ है. मेरी एक मात्र उम्मीद आपसे है कि आप सुनिश्तिच करें कि ऐसा फिर न हो."

खालिद ने आगे कहा कि चार्जशीट में कुछ वीडियो का जिक्र है जो उसे उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. इस पर जज ने उनके वकील से सभी दस्तावेजों (जो अब तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं) की सूची बनाकर सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत को देने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने जांच अधिकारी से कहा कि वह अदालत को वीडियो के बारे में जानकारी दें और यह बताएं कि आरोपी को उन्हें क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement