
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद में मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी और अन्य मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की और उनका हाल जाना. उसके बाद मोहन भागवत आजाद मार्केट के मदरसे पहुंचे. यहां उन्होंने मदरसा के बच्चों से मुलाकात की. उन्होंने मदरसा के बच्चों से पूछा कि वे क्या पढ़ते हैं. भागवत बच्चों से काफी देर तक मुखातिब हुए यह शायद पहली बार है, जब मोहन भागवत ने अचानक किसी मदरसे का दौरा किया है.
मदरसे में मुलाकात के बाद आरएसएस के इंद्रेश कुमार ने कहा कि ये एक प्रयत्न है. 70 साल से तो लड़वा ही रहे हैं. जोड़ने वाले लोग ताकत से लड़ेंगे तो बांटने वाले कमजोर होंगे. हिंदू-मुस्लिम करना गलत है. मोहनजी मुस्लिमों से पहले मुंबई में मिले, फिर 22 अगस्त को बुद्धिजीवियों से मिले, फिर आज का पेंडिंग इंविटेशन था इलियासी के यहां से. सुदर्शनजी भी इलियासी के पिता के पास मिलने जाते रहते थे.
बच्चे बोले- डॉक्टर- इंजीनियर बनेंगे
उन्होंने कहा कि इलियासी का बाड़ा हिंदूराव के पास एक मदरसा है, वहां भी हम गए. बच्चों से पूछा क्या पढ़ते हो, क्या बनोगे. बच्चों ने कहा कि डॉक्टर-इंजीनियर. इस पर भागवतजी ने कहा कि सिर्फ धर्म की पढ़ाई करके कैसे बनोगे. मॉडर्न एजुकेशन देने को लेकर भी इलियासी काम कर रहे हैं. इलियासी ने कहा कि वो संस्कृत भी पढ़ाएंगे, क्योंकि उसका बहुत ज्ञान है. गीता को लेकर भी कहा.
फतवों को अब मुस्लिम रिजेक्ट कर रहे हैं...
मोहन भागवत ने बच्चों से जय हिंद के नारे भी लगवाए. इलियासी ने मदरसों के सर्वे को लेकर मदनी का जिक्र करते हुए कहा कि जो सर्वे हो रहा है वो ठीक है. मदरसों का सर्वे हो, आधुनिक तालीम दी जाए. 15 अगस्त, 26 जनवरी का कार्यक्रम देश की आन बान शान बन जाये. फतवों की दुनिया को अब मुस्लिम रिजेक्ट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी, PFI को मुस्लिम समाज खारिज कर रही है. पीएफआई जैसे संगठनों पर कार्रवाई उचित है. आरएसएस देशभक्त संगठन है और समाज को जोड़ने और जन सेवा का काम करता है. पीएफआई हिंसा करता है और तोड़ने का काम करता है.
सुबह भागवत ने मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की थी
सुबह भागवत ने ऑल इंडिया मुस्लिम इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी समेत अन्य मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की थी. ये मुलाकात दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद में हुई. यह बैठक करीब एक घंटे तक चली. मोहन भागवत की मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ एक महीने में यह दूसरी बैठक है. इससे पहले मोहन भागवत ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक पांच सदस्यीय दल ने मुलाकात की थी.
बंद कमरे में एक घंटे तक चली बैठक
संघ प्रमुख की इमाम उमर अहमद इलियासी के साथ करीब एक घंटे चली बैठक बंद कमरे में हुई. RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इसे लेकर कहा कि RSS सरसंघचालक जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से मिलते हैं. यह एक सतत सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है. उमर अहमद इलियासी के साथ बैठक के दौरान भागवत के साथ संघ के कृष्ण गोपाल, राम लाल और इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहे.
इन लोगों ने मुलाकात की है
संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने वालों में पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जमीरुद्दीन शाह और कारोबारी सईद शेरवानी शामिल थे. मोहन भागवत से मिलने की पहल मुस्लिम बुद्धिजीवियों की ओर से की गई थी. ये पहल उस समय हुई है जब बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी से स्थिति बिगड़ी थी.
भागवत समय-समय पर सबसे मिलते रहते हैं
बताते चलें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की मुस्लिम बुद्धिजीवियों और नेताओं से मुलाकात लंबे समय से चल रही है. संघ नेताओं के अनुसार, भागवत समय-समय पर समाज के विभिन्न तबकों के प्रतिनिधियों और प्रमुख लोगों से मिलते रहते हैं. इन मुलाकातों को भी इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भागवत आज मस्जिद नहीं गए, बल्कि मस्जिद प्रांगण में स्थित ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मिले.
मुसलमानों में फैली गलत धारणाओं को दूर करना चाहता है
पिछले महीने उनकी दिल्ली में संघ के अस्थायी कार्यालय में कुछ प्रमुख मुस्लिम बुद्धिजीवियों से चर्चा हुई थी. संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश लंबे समय से राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के जरिए मुसलमानों में संघ की पैठ और आरएसएस के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. आरएसएस हिंदुओं के बारे में मुसलमानों में फैली गलत धारणाओं को भी दूर करना चाहता है. ज्ञानवापी मस्जिद का मामला तूल पकड़ने पर भागवत कह चुके हैं कि हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं तलाशा जाना चाहिए.
जम्मू कश्मीर में मुस्लिम नेताओं से मिलेंगे
उन्होंने ऐसा तब कहा था जब कई मस्जिदों और ऐतिहासिक इमारतों में खुदाई की मांग होने लगी थी. भागवत की मुस्लिम बुद्धिजीवियों, धर्मगुरुओं और नेताओं से इस तरह की मुलाकातें आगे भी चलती रहेंगी. जल्दी ही वे जम्मू कश्मीर के मुस्लिम नेताओं से भी मिलेंगे. संघ के जानकारों के अनुसार अगर मुसलमानों से चर्चा करनी है तो उनमें नेतृत्व तो तलाशना ही होगा. जाहिर है कि संघ के नेता आजम खान और ओवैसी से नहीं मिल सकते, बल्कि वे ऐसे नेताओं से मिलते हैं जो किसी पाले में नहीं खड़े. मोहन भागवत की मुलाकात मौलाना मदनी से भी हो चुकी है.
संघ के जानकार मानते हैं कि इसके पीछे संघ का एक प्रयास मुसलमानों में वैकल्पिक नेतृत्व को बढ़ाना देना भी हो सकता है. हैदराबाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुसलमानों तक बीजेपी की पहुंच बढ़ाने की बात कही थी. संघ लंबे समय से पसमांदा मुसलमानों के बीच काम कर रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी समय-समय पर मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिलते रहते हैं.
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