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दिल्ली: सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को मिलेगा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों में हमने अपने टीचर्स और प्रिंसिपल्स को कैंब्रिज, फिनलैंड, सिंगापुर और अमेरिका भेजा है. वहां जिन कोर्स के लिए हमारे टीचर्स गए वो ऐसे कोर्स थे जो इन यूनिवर्सिटी नें हमारे लिए बनाये थे.

मनीष सिसोदिया का बड़ा ऐलान (फोटो- आजतक) मनीष सिसोदिया का बड़ा ऐलान (फोटो- आजतक)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:36 AM IST
  • दिल्ली सरकार ने किया महत्वपूर्ण ऐलान
  • सरकारी स्कूल के टीचर जा सकेंगे विदेश
  • टॉप यूनिवर्सिटी में मिलेगा पढ़ाई का मौका

दिल्ली सरकार ने रविवार को त्यागराज स्टेडियम में शिक्षक दिवस के अवसर पर 122 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस समारोह के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐलान किया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले कोई भी शिक्षक यदि विश्व की सर्वश्रेष्ठ 100 यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहते हैं तो वो अपनी प्रतिभा दिखा कर वहां दाखिला ले सकते हैं. दिल्ली सरकार उनका पूरा खर्च उठाएगी. 

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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों में हमने अपने टीचर्स और प्रिंसिपल्स को कैंब्रिज, फिनलैंड, सिंगापुर और अमेरिका भेजा है. वहां जिन कोर्स के लिए हमारे टीचर्स गए वो ऐसे कोर्स थे जो इन यूनिवर्सिटी नें हमारे लिए बनाये थे. आज दुनिया की तमाम बेहतरीन यूनिवर्सिटीज अपने खुद के कोर्सेज के लिए जाने जाते हैं.

हमें भरोसा है कि अगर हमारे टीचर्स उन कोर्सेज के लिए अप्लाई करें तो वो अपनी काबिलियत के बल पर सेलेक्ट हो सकते हैं. इसलिए हमनें आज शिक्षक दिवस पर ये फैसला लिया है कि हमारे टीचर्स दुनिया की 100 सर्वश्रेष्ठ  रैंकिंग यूनिवर्सिटी में शिक्षा के क्षेत्र के प्रतिष्ठित कोर्सेज के लिए आवेदन करें. अगर वो सेलेक्ट हो जाते हैं तो दिल्ली सरकार उनके कोर्स का पूरा खर्चा उठायेगी. साथ ही उन्हें आधिकारिक अवकाश भी दिया जाएगा. 

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इस बाबत अगले कुछ दिनों में शिक्षा विभाग इसके लिए ज़रूरी दिशा निर्देश जारी करेगा. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी अपने शिक्षकों को वर्ल्ड क्लास एक्सपोज़र देना है. वर्ल्ड क्लास एक्सपोज़र के साथ हमारे शिक्षक दिल्ली के बच्चों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देंगे.

साथ ही अवॉर्ड पाने वाले शिक्षकों के बारे में बताते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "हम देश में पहली बार लगे लॉकडाउन के ठीक एक साल बाद यहां उपस्थित हुए हैं. कोरोना महामारी के कारण हमारी शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. क्योंकि स्कूलों के बंद होने के बाद किसी को आइडिया नहीं था कि टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस को कैसे आगे बढ़ाया जाए.

लेकिन हमारे स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने कठिनाइयों का सामना करते हुए इस स्थिति के जवाब में अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया. जिन शिक्षकों को ये तक नहीं पता था कि स्मार्टफोन का प्रयोग कैसे किया जाता है. उन्होंने छात्रों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए स्मार्टफोन का प्रयोग करना सीखा और सुनिश्चित किया कि बच्चों की पढ़ाई न रुकें. उनके प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं."

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इस साल दिल्ली स्टेट टीचर अवॉर्ड में किए गए 10 महत्वपूर्ण बदलाव इस प्रकार हैं-  

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1. सभी प्रमुख श्रेणियों में अवॉर्ड्स के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की गई है. एप्लीकेशन प्रोसेस को ऑनलाइन और लचीला बनाने के परिणामस्वरूप, इस वर्ष पुरस्कार के लिए 1108 एप्लीकेशन आए. पिछले तीन वर्षों में यह क्रमशः 234, 148, 204 था.

2. स्टेट टीचर अवॉर्ड की पात्रता को 15 साल की सर्विस से घटाकर 3 साल कर दिया गया है.

3. अवॉर्ड्स की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 103 से बढ़कर इस वर्ष 122 की गई है.

4. इस वर्ष दो नए अवॉर्ड शुरू किए गए हैं- 

• "फेस ऑफ डीओई"- ऐसे 2 शिक्षकों के लिए जिन्होंने कला, साहित्य, खेल आदि के क्षेत्र में रचनात्मकता का प्रदर्शन करने के लिए अपने स्टूडेंट्स को सक्षम बनाया है और एक्सीलेंस पाने में उनकी मदद की है और शिक्षा विभाग का मान-सम्मान बढ़ाने का काम किया है.

• टीचर-एजुकेटर- एससीईआरटी/डाइट से 5 टीचर-एजुकेटर को शिक्षकों के शिक्षक के रूप में  पुरस्कृत किया जाएगा.

5. पहले किसी भी स्कूल से अधिकतम 4 टीचर्स ही अवॉर्ड के लिए अप्लाई कर सकते थे. इसमें बदलाव किया गया है. अब एक स्कूल से बेहतर प्रदर्शन करने वाले कितने भी टीचर्स अवॉर्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं, ताकि बेहतर काम करने वाले ज्यादा से ज्यादा शिक्षक अवॉर्ड के लिए आवेदन कर सकें. 

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6. अब गेस्ट/कांट्रेक्ट टीचर्स भी रेगुलर टीचर्स के लिए निर्धारित नियम व शर्तों के अनुसार अवॉर्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 

7. अवॉर्ड के लिए स्कूलों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है. इनमें से प्रत्येक में पुरस्कारों का कोटा निर्धारित किया गया है. ताकि सभी श्रेणी के आवेदकों का मूल्यांकन उनके स्कूलों में एनरोलमेंट के आधार पर किया जा सके और सभी को मौका मिल सके.

• स्कूलों में एनरोलमेंट 2500 से अधिक- कुल पुरस्कारों में से 50% इस श्रेणी के लिए 
• एनरोलमेंट 1000 से 2500 के बीच- इस श्रेणी को 33% अवॉर्ड 
• एनरोलमेंट 999 से कम- इस श्रेणी के लिए 17% अवॉर्ड 

8. इस साल से हेड ऑफ़ स्कूल द्वारा एप्लीकेशन को फॉरवर्ड करवाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. टीचर्स अब डायरेक्ट ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस बाबत स्कूलों के प्रमुख को अब केवल तथ्यों को सत्यापित करने और निर्धारित समय के भीतर अपनी टिप्पणी ऑनलाइन भेज सकते हैं.

9. अवॉर्ड के लिए पिछले तीन सालों में एक टीचर या प्रिंसिपल के रूप में आवेदकों के प्रदर्शन और इनिशिएटिव को आनुपातिक महत्व दिया गया है. जैसे कोरोना के दौरान प्रदान की गई शैक्षणिक और आपातकालीन ड्यूटी और सेल्फ-डेवलपमेंट के लिए लिए गए इनिशिएटिव.

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10. डीडीई (डिस्ट्रिक्ट) की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति ने डीओई की अवॉर्ड ब्रांच द्वारा तैयार की गई मार्किंग स्कीम के आधार पर आवेदकों को मार्क्स दिया गया है. प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखने के लिए समिति के सदस्यों में पूर्व अवॉर्डी, एसएमसी प्रतिनिधि और डीडीई (जोन)/स्थानीय निकायों के अधिकारी शामिल थे.

फेस ऑफ़ डीओई : 
1. राज कुमार, दिल्ली सरकार में म्यूजिक टीचर, जो हाल ही में बिना रुके सबसे ज्यादा देर 32 घंटे 20 मिनट  तक सितार बजाने के लिए "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड" में शामिल हुए हैं.
2. सुमन अरोड़ा, दिल्ली सरकार में मैथमेटिक्स की टीचर, जिनके प्रयासों से उनके स्कूलों के 23 छात्रों ने पिछले साल जेईई मेन्स और 5 ने जेईई एडवांस क्लियर किया है. उन्होंने खुद IIT दिल्ली से मैथमेटिक्स में M.Sc किया है और अपने वेतन का एक हिस्सा अपने छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए अलग रखती हैं.

उल्लेखनीय काम करने के लिए स्पेशल अवॉर्ड : 
1. भारती कालरा, दिल्ली सरकार के एक स्कूल में वाइस प्रिंसिपल, जिन्होंने उन 321 छात्रों की मदद की, जिनके माता-पिता ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्मार्ट फोन नहीं खरीद सकते थे.
2. सरिता रानी भारद्वाज, दिल्ली सरकार के स्कूल की शिक्षिका, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए फोन पर संपर्क नहीं करने वाले कक्षा 6 के छात्रों को खोजने के लिए हर संभव प्रयास किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन बच्चों की पढ़ाई जारी रहे और  वे स्कूल से जुड़े रहें.

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विशेष : 
इस साल 80 टीचर कैटोगरी अवॉर्डी में से:
• 57 महिला हैं और 23 पुरुष हैं. 
• 52 शिक्षा निदेशालय स्कूलों से, 15 निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों से, 13 लोकल बॉडीज के स्कूलों से हैं.

इस साल 21 प्रिंसिपल्स कैटोगरी अवॉर्डी में से:
• 13 महिला हैं और 8 पुरुष
• 15 शिक्षा निदेशालय स्कूलों से, 6 निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों से
• 14 अवॉर्ड स्पोर्ट्स टीचर्स, 2 लाइब्रेरियन को भी अवॉर्ड दिया गया.
• SCERT/DIETs से 5 टीचर-एजुकेटर: 1 डाइट प्रिंसिपल, 2 सीनियर लेक्चरर और 2 लेक्चरर को अवॉर्ड दिया गया.
 

 

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