
दिल्ली के विधायकों को अब 'सिंगल विंडो' समाधान मिलेगा. दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने जन सुनवाई की तर्ज पर 'विधायक सुनवाई' का नया प्रयोग शुरू किया है. इस प्रयोग के तहत रोजाना 10 से 15 विधायक को मंत्री अपने दफ्तर में बुला रहे हैं. सभी विधायकों को अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्या बनाने के लिए कहा गया है. विधायकों की मीटिंग एक साथ कई विभागों के अधिकारियों के साथ करवाई जाती है.
दरअसल, दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद अलग-अलग मंत्रियों को उनके विभाग के हिसाब से 100 दिन में कामकाज पूरा करने का टास्क मिला है. वहीं, पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण विभाग के अलावा जल, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण जैसे विभाग प्रवेश वर्मा को दिए गए हैं. इसलिए प्रवेश वर्मा एक साथ इन विभागों के अधिकारियों को अपने दफ्तर में बुला रहे हैं और उनका आमना-सामना विधायकों से करवाया जा रहा है.
विधायकों की तरफ से आ रही ये शिकायतें
सरकार की प्लानिंग है कि इस पहल का असर अगले 100 दिनों में जमीनी स्तर पर नजर आए. खास बात ये है कि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा इसमें संबंधित क्षेत्रों के अधिकारी भी मौजूद थे, जिससे स्थानीय समस्याओं का समाधान तेजी से हो सके. बैठक में जो मुद्दे विधायकों ने उठाए उनमें कई समस्याएं बुनियादी हैं.
- सड़कों और नालों की मरम्मत
- सीवर सफाई और जल निकासी प्रबंधन
- जलभराव की समस्या का समाधान
- अवैध कब्जों पर कार्रवाई
- लंबित विकास परियोजनाओं में तेजी
100 दिन में तस्वीर बदलने का दिया भरोसा
सोमवार को हुई बैठकों में त्रिलोकपुरी, पटपड़गंज, लक्ष्मीनगर, मुंडका, नांगलोई जाट, मोती नगर, मादीपुर, मंगोलपुरी, शकूर बस्ती, किराड़ी जैसी विधानसभाओं की समस्याओं पर चर्चा हुई. प्रवेश वर्मा ने बैठक के बाद कहा कि दिल्ली में वर्षों से कोई काम इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि सरकार की नीयत साफ नहीं थी. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब युद्धस्तर पर काम करने की जरूरत है. हम सड़कों की मरम्मत, सीवर की सफाई और जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं. हमारी प्राथमिकता विकास है और अगले 100 दिन में जनता को जमीन पर बदलाव नजर आएगा. हम अधिक से अधिक क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करेंगे.