
दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने यूपीएससी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है. मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने चिट्ठी में अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. दिल्ली सरकार ने बयान में कहा है कि 'हाल ही में आरटीआई से यह पता चला कि इंटरव्यू में कैटेगरी देखकर कम नंबर देने का चलन रहा है.'
मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा है कि यूपीएससी में अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की जाति की जानकारी साक्षात्कार लेने वालों को पहले से होती है. अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को साक्षात्कार में अंक देने में भेदभाव की खबरें अक्सर आती रहती हैं. अभ्यर्थी की जाति का पता साक्षात्कार लेने वाले को पहले से नहीं रहना चाहिए.
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समाज कल्याण विभाग के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इस चिट्ठी के द्वारा यूपीएससी के अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप कुमार जोशी को जाति के आधार पर हो रहे भेदभाव के बारे में बताया. मंत्री राजेंद्र पाल ने कहा कि यूपीएससी में अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की जाति की जानकारी साक्षात्कार लेने वालों को पहले से होती है. साक्षात्कार में अंक देने में भेदभाव की खबरें अक्सर आती रहती हैं. अभ्यर्थी की जाति का पता साक्षात्कार लेने वाले को पहले से नहीं होनी चाहिए.
इसके अलावा मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने पत्र में यूपीएससी अध्यक्ष के सामने दो सुझाव भी रखे हैं. उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर हो रहे भेदभाव को हटाने के लिए इंटरव्यू बोर्ड के मेंबर को कैंडिडेट की जाति का पता नहीं चलना चाहिए. इसके लिए उनको रिजर्व्ड और जनरल कैटेगरी के हिसाब से इंटरव्यू नहीं लेना चाहिए, बल्कि किसी भी कैंडिडेट को बुलाकर इंटरव्यू लेना चाहिए.