
दिल्ली में बीजेपी सरकार के गठन का एक महीना पूरा हो गया है. नई सरकार के गठन के बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अधिकारी विधायकों के फोन कॉल और पत्रों का जवाब नहीं दे रहे हैं और अब इस पर स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर कुछ अधिकारियों पर एक्शन लेने की मांग की है जो कथित तौर पर विधायकों के संचार का जवाब नहीं दे रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता ने पत्र में कहा कि विधानसभा के सदस्यों के साथ व्यवहार करते समय सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया और प्रोटोकॉल मानदंडों के अनुसार पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों, दिल्ली पुलिस और डीडीए को संवेदनशील बनाएं.
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स्पीकर का पत्र
गुप्ता ने पत्र में कहा, "कुछ ऐसे मामले मेरे संज्ञान में लाए गए हैं, जहां सदस्यों द्वारा पत्र, फोन कॉल या संदेशों के रूप में किए गए संचार को संबंधित अधिकारी द्वारा स्वीकार भी नहीं किया गया है." उन्होंने इसे "गंभीर" मामला बताया. गुप्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, दिल्ली पुलिस, डीडीए और अन्य एजेंसियों को मानदंडों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा जाएगा. उन्होंने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों का व्यवहार, प्रशासनिक आदेश आदि को लेकर तैयार नियमावली की प्रति भी संलग्न की है.
AAP का बीजेपी पर निशाना
स्पीकर ने मामले में की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी. वहीं इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने चुटकी ली है. पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब भाजपा को अफसरों की मनमानी समझ में आ रही है जब वो खुद परेशान हैं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'दस साल तक दिल्ली के अफसरों को सिखाया गया कि मंत्री और विधायकों की बात नहीं सुननी. विधायकों और मंत्रियों के फ़ोन नहीं उठाने, चिट्ठी का जवाब नहीं देना.बात बात पर आम आदमी पार्टी को ज्ञान देने वाले आज ख़ुद परेशान हैं. अब भाजपा की सरकार बनी तो अफसरों की मनमानी समझ आ रही है. पहले यही भाजपा इन्ही अफसरों की तरफदारी करती थी, अब उन्हें कर्तव्य सिखाया जा रहा हैं. आज भाजपा को समझ आया है कि प्रजातंत्र को कमज़ोर करने से देश और जनता का सिर्फ नुक़सान ही होता है.'
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