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कूड़ा हटाने में फेल रहे तो केजरीवाल सरकार काटेगी PWD इंजीनियरों का वेतन

सरकार ने लोक निर्माण विभाग से जुड़े एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को अपने क्षेत्र से कूड़ा और निर्माण कार्यों का कचरा हटवाने को कहा है. इसमें विफल रहने पर इंजीनियरों का वेतन काटा जाएगा.

प्रतीकात्मक चित्र प्रतीकात्मक चित्र
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

  • मुख्य सचिव ने 13 स्थान चिन्हित करने को कहा
  • अवैध डंपिंग रोकने को पेट्रोलिंग बढ़ाने का दिया निर्देश

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अब केजरीवाल सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया है. सरकार ने लोक निर्माण विभाग से जुड़े एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को अपने क्षेत्र से कूड़ा और निर्माण कार्यों का कचरा हटवाने को कहा है. इसमें विफल रहने पर इंजीनियरों का वेतन काटा जाएगा.

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समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर से अनुसार मुख्य सचिव विजय देव ने 25 अक्टूबर को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. उसी बैठक में अधिकारियों को वेतन कटौती का फरमान सुना दिया था. बैठक में अधिकारियों को 24 घंटे में सर्वाधिक प्रदूषण वाले 13 स्थान चिन्हित करने और दो सप्ताह के अंदर वरीयता के आधार पर एक्शन प्वाइंट्स कंप्लीट करने का निर्देश दिया था. उन्होंने अधिकारियों से अवैध डंपिंग रोकने के लिए पेट्रोलिंग बढ़ाने को भी कहा.

ईपीसीए ने निर्माण कार्यों पर लगाई थी रोक

गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण और नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) ने दिवाली से पहले बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे. ईपीसीए ने दिल्ली के साथ ही फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत आदि इलाकों में भी सड़क निर्माण, भवन निर्माण, कोयला आधारित उद्योग और बिजली संयंत्रों को बंद करने के निर्देश दिए थे.

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26 से 30 अक्टूबर तक प्रभावी है रोक

ईपीसीए की ओर से लगाई गई यह रोक 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक प्रभावी होगी. इस अवधि में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक निर्माण कार्य ठप रहेंगे. बता दें कि दिल्ली एनसीआर में दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी के बाद प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. सांस लेना दुश्वार हो जाता है. इसे देखते हुए सरकार ने पहले से ही कमर कस ली है.

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