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शराब घोटाले से दिल्ली को 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ... BJP के CAG रिपोर्ट दावे पर AAP ने किया पलटवार

दिल्ली की चुनावी जंग के बीच बीजेपी ने CAG रिपोर्ट का हवाला देकर शराब घोटाले को मुद्दा बनाया है. बीजेपी का कहना है कि लीक हुई CAG रिपोर्ट में शराब घोटाले से दिल्ली को 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, AAP सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर पलटवार किया है और पूछा- कैग रिपोर्ट कहां है?

AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो- पीटीआई) AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो- पीटीआई)
हिमांशु मिश्रा/ऐश्वर्या पालीवाल/अमन भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच कथित शराब घोटाला बड़ा मुद्दा बन गया है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट का हवाला देकर बीजेपी ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को घेरा है. बीजेपी का दावा है कि शराब नीति घोटाले से दिल्ली को 2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. दावा किया कि कई AAP नेताओं को रिश्वत मिली. वहीं, इस मसले पर AAP ने पलटवार किया है. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पूछा, कैग रिपोर्ट कहां है...ये दावे कहां से आ रहे हैं.

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बीजेपी ने CAG की लीक हुई रिपोर्ट जारी की है. बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर एक्सपर्ट पैनल की सिफारिश को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया है. 

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि CAG रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. शराब घोटाले से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बीजेपी का कहना है कि पॉलिसी लागू करने में चूक हुई है. AAP नेताओं को रिश्वत भी मिली है. यह पहली बार है, जब शराब घोटाले से नुकसान का आंकड़ा सामने आया है.

'सिफारिशों को किया गया नजरअंदाज'

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इससे पता चलता है कि मनीष सिसोदिया के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (GOM) ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया था. शिकायतों बाद सभी संस्थाओं को बोली लगाने की अनुमति दी गई. लाइसेंस जारी करने से पहले बोली लगाने वालों की वित्तीय स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया. 

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बताते चलें कि कैग की रिपोर्ट को अभी दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाना है.

'नहीं ली गई मंजूरी'

बीजेपी सूत्रों का दावा है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि एक इकाई ने घाटा दिखाया, फिर भी लाइसेंस का नवीनीकरण किया गया. लाइसेंस जारी करने में उल्लंघन किया गया. इसके अलावा, नियमों को दरकिनार करने वालों को दंडित नहीं किया गया. मूल्य निर्धारण में भी पारदर्शिता का अभाव रहा. कई प्रमुख फैसलों पर कैबिनेट की मंजूरी या उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गई.

उत्पाद शुल्क नियमों की मंजूरी को विधानसभा के समक्ष रखा जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां कुछ खुदरा विक्रेताओं ने पॉलिसी अवधि समाप्त होने तक लाइसेंस अपने पास रखा, वहीं कुछ ने पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पहले ही लाइसेंस वापस कर दिए. क्योंकि सरकार ने सरेंडर किए गए खुदरा लाइसेंसों के लिए दोबारा टेंडर नहीं दिया, इससे सरकारी खजाने पर करीब 890 करोड़ का बोझ पड़ा. जोनल लाइसेंसधारियों को दी जाने वाली छूट से 941 करोड़ का नुकसान हुआ. कोविड प्रतिबंधों के आधार पर जोनल लाइसेंसधारकों को 144 करोड़ रुपये की लाइसेंस शुल्क छूट दी गई, जिसके कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई. 

सुरक्षा जमा राशि के गलत संग्रहण के कारण राजस्व में 27 करोड़ रुपये की और हानि हुई. कैग ने कहा है कि जो चूक हुई है, उसके लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जानी चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, इसी वजह से पॉलिसी के उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुकानों का समान वितरण नहीं हो सका. 

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AAP नेता संजय सिंह क्या बोले?
शराब घोटाले को लेकर बीजेपी के दावे पर AAP नेता संजय सिंह ने कहा, यह CAG रिपोर्ट कहां है? ये दावे कहां से आ रहे हैं? क्या ये बीजेपी दफ्तर में दाखिल की गई है? उन्होंने कहा, बीजेपी नेता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. एक तरफ उनका दावा है कि सीएजी रिपोर्ट पेश नहीं की गई है, दूसरी तरफ ऐसे दावे करते हैं?

बीजेपी बोली- सदन के पटल पर रखी जाए रिपोर्ट

CAG की लीक रिपोर्ट पर दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, शीश महल पर खर्च किया गया पैसा शराब नीति से आया था. उन्हें (AAP) विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए. वे इसे सदन के पटल पर क्यों नहीं रख रहे हैं.

संदीप दीक्षित ने भी केजरीवाल को घेरा

इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, 'हम तो पहले से कह रहे हैं कि यह घोटालेबाज सरकार है. पहले केजरीवाल कांग्रेस पर इल्जाम लगाते थे, अब खुद फंस रहे है. केजरीवाल को खुद ही जेल चले जाना चाहिए.' वहीं, कालकाजी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा ने कहा, सच्चाई अब सामने आ गई है. कोरोना के समय दिल्ली सरकार शराब की एक बोतल के साथ एक फ्री दे रही थी. शराब नीति ने दिल्ली सरकार को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया था. ये पैसे लोगों के ऊपर खर्च किए जा सकते थे.

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