Advertisement

दिल्ली में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल है बेअसर, जानें क्यों...

पूर्वी दिल्ली में काम करने वाले सफाई कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर चले गए हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय के बाहर 18 मई को प्रदर्शन करने के साथ ही इस हड़ताल की शुरुआत हो गई लेकिन इस बार हड़ताल का पहले जैसा असर नहीं दिख रहा है. जानें वजह...

सफाई कर्मचारी हड़ताल सफाई कर्मचारी हड़ताल
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2017,
  • अपडेटेड 3:13 AM IST

पूर्वी दिल्ली में काम करने वाले सफाई कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर चले गए हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय के बाहर 18 मई को प्रदर्शन करने के साथ ही इस हड़ताल की शुरुआत हो गई लेकिन इस बार हड़ताल का पहले जैसा असर नहीं दिख रहा है.

दरअसल इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है हड़ताल को लेकर सफाई कर्मचारियों की यूनियन का एक राय ना होना. एमसीडी स्वच्छता कर्मचारी यूनियन के सदस्य बीते कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर ईस्ट एमसीडी मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि उनकी मांगों को हर बार कोई ना कोई बहाना बना कर टाल दिया जाता है. यही वजह है कि उन्हें बार-बार हड़ताल पर जाना पड़ता है. इस बार भले ही वे हड़ताल पर हों लेकिन उनके विरोध प्रदर्शन में धार नहीं दिख रही. पहले जहां हड़ताल पर जाते ही सफाई कर्मचारी सड़कों पर कूड़ा फैला देते थे. वहीं इस बार वैसी तस्वीरें नहीं दिखाई दे रहीं. पूछने पर वे कहते हैं कि हाईकोर्ट के आदेश की वजह से वे इस बार सड़कों पर कूड़ा नहीं फैलाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि यदि कहीं कूड़ा है तो वो उसे नहीं उठाएंगे.

Advertisement

वहीं सफाई कर्मचारियों की ही दूसरी यूनियन, दिल्ली प्रदेश सफाई मजदूर यूनियन के राजेंद्र मेवाती का कहना है कि उनकी यूनियन इसलिए हड़ताल में शामिल नहीं है क्योंकि हड़ताल की राजनीति हो रही है. हड़ताल के जरिए कुछ यूनियन नेता अपना राजनितिक हित साधते है और उसके पूरा होते ही हड़ताल खत्म कर देते हैं. थोड़े दिन बाद ही फिर से हड़ताल शुरू कर देते हैं. इसके अलावा वे कहते हैं कि जब पूर्वी दिल्ली में शपथ ग्रहण ही 22 मई को होना है तो उससे पहले हड़ताल पर जाने का कोई औचित्य नहीं दिखता.

कूड़े के ढेर नदारद
सफाई कर्मचारियों की यूनियन में दो-फाड़ का असर हड़ताल पर साफ देखने को मिल रहा है. हड़ताल के दूसरे दिन जब आजतक टीम ने मयूर विहार और विनोद नगर का दौरा किया तो वहां कूड़े के ढेर नहीं मिले. यहां तक कि उन ढलाव पर भी कूड़ा ना के बराबर था जहां पूरे मोहल्ले का कूड़ा आता है. जाहिर है हड़ताल को लेकर यूनियनों में विरोधाभास है. इससे सफाई कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति है लेकिन इसका फायदा सीधे तौर पर दिल्ली की जनता को मिल रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement