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परीक्षा से बचने के लिए 11वीं के छात्र ने किया 2000 Km का सफर, झुग्गी में रहकर कर रहा था मजदूरी

दिल्ली के जाने माने स्कूल में पढ़ने वाला 11वीं का एक छात्र होने वाली वाली परीक्षाओं से बचने के लिए घर से ही भाग गया. लड़का बेंगलुरु पहुंचा और एक अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में मजदूरी का काम करने लगा और वहीं एक झोपड़ी में रहने लगा. पुलिस ने अब उसे ढूंढ निकाला है.

परीक्षा से बचने के लिए 11वीं के छात्र ने किया 2000 Km का सफर, करने लगा था मजदूरी (ai image) परीक्षा से बचने के लिए 11वीं के छात्र ने किया 2000 Km का सफर, करने लगा था मजदूरी (ai image)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

कई बार बच्चे पढ़ाई लिखाई को इतना नापसंद करते हैं कि वे भविष्य की परवाह किए बिना इससे छुटकारा पाने के तरीके तलाशने लगते हैं. हाल में एक दिल्ली के जाने माने स्कूल में पढ़ने वाले 11वीं के एक छात्र ने ऐसा ही कुछ किया. होने वाली वाली परीक्षाओं से बचने के लिए वह घर से ही भाग गया.

छात्र पहले घर से भागा और फिर ट्रेन पकड़कर 2000 किलोमीटर का सफर कर बंगलुरु निकल गया. फिर वहां से बस और ऑटो से कृष्णगिरी पहुंच गया. पढ़ना न पड़े इसके लिये 17 साल का नाबालिग एक अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में मजदूरी का काम करने लगा और वहीं एक झोपड़ी में रहने लगा.

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दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह के मुताबिक  21 फरवरी को  एक शख्स ने  पुलिस में शिकायत दी कि उनका 17 साल का नाबालिग बेटा कहीं चला गया है. घर से जाते वक्त उसने अपने पिता को एक मैसेज भेजा था कि वो घर से जा रहा है उसे ढूंढने की कोशिश न की जाए.

बच्चा नाबालिग था, लिहाज पिता की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया और बच्चे की तलाश के लिए एक टीम गठित की. जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि बच्चा तमिलनाडु में है. बच्चा ट्रेन से पहले बंगलुरु पहुंचा था. जिसके बाद पुलिस कि टीम तुरंत बंगलुरु गई. वहां से जानकारी इकट्ठा करने के बाद पुलिस की टीम कृष्णागिरी पहुंची जहां से निर्मल दिन साइड से बच्चे को बरामद किया.

बच्चा वहीं पर एक झुग्गी में रह रहा था और दैनिक मजदूर की तरह काम किया करता था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 17 साल का नाबालिक बच्चा दिल्ली के कनॉट प्लेस के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ता था. लेकिन वह फाइनल एग्जाम नहीं देना चाहता था. इसलिए 21 फरवरी को उसने घर छोड़ दिया और सीधे बेंगलुरु गया और फिर कृष्णागिरी पहुंच गया. पुलिस ने बच्चे को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया है बच्चे की काउंसलिंग भी की गई.

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