
दिल्ली में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने जहां एक तरफ दिल्ली वासियों की चिंता बढ़ा दी है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के व्यापारियों में भी इसको लेकर खौफ का माहौल है. इसी मुद्दे पर व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है.
एलजी को लिखा पत्र
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और आये दिन लूटपाट की घटनाएं बढ़ रही हैं. शनिवार को प्रगति मैदान के पास चले रोड पर चांदनी चौक की कारोबारी फर्म के साथ लूटपाट की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लुटेरे चांदनी चौक बाजार से ही घात लगाकर उनका पीछा कर रहे थे. इसके अलावा 2 से 3 दिन पहले प्रसाद नगर में भी एक ज्वैलरी व्यापारी को लूट लिया गया था.
व्यापारी संगठनों ने जताई चिंता
सीटीआई के मुताबिक कमला मार्केट, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, सदर बाजार आदि पुरानी दिल्ली के बड़े बाजारों के आसपास पिछले दिनों लूटपाट और चोरी की घटनाओं पर व्यापारी संगठनों ने चिंता जताई है, बाजारों से सटे मेट्रो स्टेशन के आसपास अवैध और माफिया जैसे लोगों ने अवैध अतिक्रमण और कब्जा कर लिया है और वहां पर खुलेआम शराब पीते रहते हैं जिससे व्यापारियों और महिलाओं को विशेषकर रात के समय वहां से निकलते हुए डर लगता है.
सीटीआई की मांग है कि बाजारों की सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली के बड़े बड़े बाजारों के व्यापारी संगठनों के साथ एलजी साहब एक जॉइंट मीटिंग बुलायें जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर भी शामिल हों.
खुले में शराब पी रहे हों लोग
सीटीआई की मांग है कि बाजारों की सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली के बड़े बड़े बाजारों के व्यापारी संगठनों के साथ एलजी साहब एक जॉइंट मीटिंग बुलायें जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर भी शामिल हों. उन्होंने बाजार में होने वाली चोरियों का जिक्र करते हुए कहा कि, "दिल्ली की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और आए दिन लूटपाट की घटनाएं बढ़ रही हैं. खासतौर से कमला मार्केट, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, सदर बाजार जैसे इलाकों में. बृजेश गोयल ने आगे कहा, "बाजारों से सटे मेट्रो स्टेशन के आसपास अवैध और माफिया जैसे लोगों ने अवैध अतिक्रमण और कब्जा कर लिया है और वहां पर खुलेआम शराब पीते रहते हैं जिससे व्यापारियों और महिलाओं को विशेषकर रात के समय वहां से निकलते हुए डर लगता है.