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ट्रांसपोर्टरों ने नोटबंदी के मुद्दे पर की सरकार से की राहत मांग

इस नोटबंदी की मार से राहत देने के लिए सरकार को गुहार लगाते हुए उन्होंने कई मांगे सामने रखी. जिसमें चालू खाते से नगदी निकालने की सीमा 50 हजार रूपये साप्ताहिक से बढ़ाकर ट्रांसपोर्टरों के लिए 5 लाख करना शामिल है.

दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कर रहे नोटबंदी से मुश्किलों का सामना दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कर रहे नोटबंदी से मुश्किलों का सामना
मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

नोटबंदी के कारण आ रही परेशानियों को लेकर दिल्ली गुडस ट्रांसपोर्ट ऐसोसियेशन ने सरकार से अपना उद्योग बचाने की मांग की है. अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह ने कहा कि जब एक ट्रक सड़क पर चलता है तो ड्राईवर, खलासी, मालिक एवं बैंक को प्रत्यक्ष रूप से तथा पेट्रोल पम्पों, ढाबे, मिस्त्री, मजदूर, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, बीमा कम्पनी तथा कई अन्य लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर कमाई का जरिया प्राप्त होता है.

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इस नोटबंदी की मार से राहत देने के लिए सरकार को गुहार लगाते हुए उन्होंने कई मांगे सामने रखी. जिसमें चालू खाते से नगदी निकालने की सीमा 50 हजार रूपये साप्ताहिक से बढ़ाकर ट्रांसपोर्टरों के लिए 5 लाख करना शामिल है.

अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि पहले से मंदी की मार झेल रहे इस उद्योग पर नोटबंदी के कारण आई मुसीबत को यदि सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया तो जहां बड़ी तदाद में बेरोजगारी बढ़ेगी वहीं देश की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित होगी. क्योंकि बैंक से कर्जा लेकर 1-2 गाड़ी चला रहे मोटर मालिक स्टाफ को वेतन तक देने की स्थिति में नहीं हैं. जिस कारण उनसे जुड़े लाखों लोगों के सिर बेरोजगार होने की तलवार लटक गई है. अगर समय रहते हमें राहत ना दी गई तो उद्योग को भारी नुकसान होगा.

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उन्होंने असंगठित क्षेत्र के अपने व्यवसाय में अधिकतर लोगों के अशिक्षित होने का कारण गिनाते हुए डिजिटल इंडिया से जुड़ने के लिए ट्रासपोर्ट उद्योग को समय देने और उदारता पूर्वक मांगों को मानने की भी सरकार से अपील की.

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