
राजधानी दिल्ली में करीब 17 हजार पेड़ काटने का मामला अभी थमा नहीं है. एक PIL दाखिल होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 4 जुलाई तक इसपर रोक लगा दी थी. लेकिन ऐसा लगता है कि HC के फैसले का कोई असर नहीं हुआ है.
मंगलवार को दिल्ली के नेताजी नगर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जो हाईकोर्ट के फैसले की धज्जियां उड़ा रही हैं. यहां NBCC के प्रोजेक्ट के तहत पेड़ अभी भी काटे जा रहे हैं. इसको देखते हुए पर्यावरण जानकार विमलेंदु ने PCR को इसकी जानकारी दी, जैसे ही वहां पीसीआर पहुंची तो मजदूर वहां से भाग गए. विमलेंदु का कहना है कि वो NBCC के खिलाफ मामला दर्ज कराएंगे.
दरअसल, सोमवार को हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच के जस्टिस विनोद गोयल और जस्टिस रेखा पल्ली ने साउथ दिल्ली में पेड़ काटने के मामले में बड़ा और कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 4 जुलाई तक पेड़ काटने पर रोक लगाई थी.
4 जुलाई को हाईकोर्ट दोबारा इस मामले की सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील जयंत मेहता को आदेश दिया है कि वो अपनी याचिका में संशोधन करते हुए ट्री-ऑथिरिटी को उस आदेश को भी चैलेंज करे जिसमें ट्री अथॉरिटी ने पेड़ काटने का आदेश दिया है.
ये प्रोजेक्ट एनबीसीसी (National Buildings Construction Corporation) के तहत पूरा हो रहा है. एनबीसीसी साउथ दिल्ली के इलाकों में पुरानी इमारतों को तोड़कर बड़ी बहुमंजिला इमारतें बना रही है और उसी के लिए इन पेड़ों को काटा जा रहा है. सरोजिनी नगर के अलावा कस्तूरबा नगर, नैरोजी नगर, नेताजी नगर, त्याग राज नगर और मोहम्मद पुर शामिल है.