
हिंसा पीड़ित लोगों को दवाइयां भी बांटी की जा रही हैं. इन कैम्पों के लिए अलग-अलग संस्थाएं भी दवाइयां और जरूरी सामान मुहैया करा रहे हैं. इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी मेडिकल कैम्प पहुंचकर दवाइयां बांटी थीं. इस दौरान वे मास्क पहने नजर आए थे.
एआईएमआईएम पार्टी के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को एक महीने की सैलरी हिंसा प्रभावित लोगों के डोनेट करने का फैसला किया था. दिल्ली सरकार के अलावा गैर-लाभकारी सरकारी संगठनों ने हिंसा पीड़ितों के लिए दवा, कंबल, बिस्तर और कपड़े की व्यवस्था की है, हालांकि ये पर्याप्त नहीं हैं. इसकी वजह यह है कि राहत कैंपों में काफी संख्या में लोग शरण लिए हुए हैं.
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24 फरवरी को भड़की थी हिंसा
24 फरवरी को भड़की दिल्ली हिंसा में अब तक कुल 690 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. 2192 लोगों को या तो हिरासत में लिया गया है, या गिरफ्तार किया गया है. आर्म्स एक्ट के कुल 48 मामले दर्ज किए गए हैं. आर्म्स एक्ट के तहत 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अमन कमेटी ने कुल 262 बैठकें सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए की.
पीड़ितों को मिला मुआवजा
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बाद दिल्ली सरकार ने अभी तक कुल 2 करोड़ 15 लाख 67 हजार 500 रुपये का मुआवजा बांटा है. दिल्ली हिंसा के दो दिन बाद हालात पूरी तरह से काबू में आ गए थे.
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हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी. आईटीबीपी, सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स की भी तैनाती हुई थी. दिल्ली में हालात सामान्य हैं, अब लोग अपने घरों में भी लौट रहे हैं.