
दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने बिहार से एक प्रेमी जोड़े को ऑनर किलिंग से बचाया. आयोग को लड़के ने ईमेल के जरिए शिकायत भेजी और बताया कि वो और बिहार की रहने वाली लड़की सुशीला (बदला नाम) एक दूसरे से प्यार करते हैं और वे इंदिरापुरम में साथ रह रहे थे. सुशीला के पिता को पता लगते ही उसके परिवार वाले इंदिरापुरम आए और उसे लेकर बिहार चले गए.
डीसीडब्ल्यू ने जब शिकायतकर्ता से लड़की के संबंध में जानकारी मांगी तो उसने बताया कि लड़की से उसकी आखिरी बार बात कुछ समय पहले हुई थी. उसके बाद से ही लड़की का फोन बंद बता रहा है. लड़के ने यह बताया कि लड़की को भगवती मंदिर के समीप किसी जगह रखा गया है. लड़का इसके अलावा लड़की के संबंध में कोई और जानकारी नहीं दे सका. उसे लड़की के पिता का नाम पता था.
महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार पुलिस से संपर्क किया. बिहार पुलिस ने आयोग को बताया कि केवल भगवती स्थान मंदिर के समीप होने की जानकारी के जरिए लड़की की तलाश बहुत मुश्किल है. इसके बाद आयोग की सदस्या फिरदौस खान ने मधुबनी जिले के एसएसपी से संपर्क किया और उन्हें कहा कि भगवती स्थान मंदिर के पास रहने वाले लड़की के पिता की तलाश करें. कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने लड़की को पंडोल क्षेत्र से ढूंढ निकाला. पंडोल थाने के एसएचओ ने बताया कि लड़की की जान को खतरा है. लड़की के परिजन और साथ ही कुछ धार्मिक संगठन उसे मारना चाहते हैं.
आयोग ने इसके बाद जिलाधिकारी से बात की और लड़की को पटना के शेल्टर होम में रखवाया गया. दिल्ली महिला आयोग ने इसके बाद बिहार पुलिस ने लड़की को दिल्ली लाने का प्रबंध किया तो खतरे का अंदेशा देखते हुए एक बार यह प्रयास असफल रहा. लड़की को कुछ दिन बाद ट्रेन से दिल्ली लाया गया. लड़की और लड़के को दिल्ली में दिल्ली महिला आयोग में ही मिलवाया गया. आयोग ने ही लड़की से सुरक्षा के लिए कोर्ट में याचिका दायर कराई.
लड़की की याचिका पर सुनवाई करते हु्ए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिए कि दोनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. प्रेमी युगल अब जल्द ही विवाह के बंधन में बंधने वाला है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि आयोग की सक्रियता की बदौलत दो प्यार करने वाले एक हो पाए. दोनों की जान को लगातार ख़तरा बना हुआ था.
लड़की के माता-पिता और कुछ धार्मिक संगठन उन्हें जान से मारना चाहते थे. उन्होंने कहा कि हमने बिहार पुलिस के सहयोग से उन्हें रेस्क्यू करवाया और दिल्ली लाकर सुरक्षा भी दिलवाई. इस मामले में आयोग ने अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाते हुए प्रेमी जोड़े की सहायता की.