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दिल्ली में हो सकती है पानी की किल्लत, दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद

यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण दिल्ली में दो जल संयंत्रों को रविवार को बंद कर दिया गया. इस वजह से राजधानी में कई जगहों पर पानी की किल्लत हो सकती है.

प्लांट में मरम्मत का काम जारी है प्लांट में मरम्मत का काम जारी है
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST

यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण दिल्ली में दो जल संयंत्रों को रविवार को बंद कर दिया गया. इस वजह से राजधानी में कई जगहों पर पानी की किल्लत हो सकती है.

दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, मध्य और उत्तरी दिल्ली के अलावा कैंट इलाके को पानी सप्लाई करने वाले चंद्रवाल और वजीराबाद संयंत्र को शनिवार आधी रात के बाद बंद कर दिया गया. प्लांट में मरम्मत का काम जारी है, लेकिन सुबह 7 बजे तक प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद नहीं. इन अधिकारियों की मानें तो अगर प्लांट से प्रोडक्शन सुबह शुरू भी होता है, तो सोमवार शाम तक ही पानी की सप्लाई सामान्य हो पाएगी.

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हालांकि दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि सोमवार सुबह 7 बजे पानी रिस्टोर हो जाएगा. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पानी के प्रोडक्शन में 5 घंटे का वक़्त लगता है. ऐसे में पूरी संभावना है कि सोमवार सुबह दिल्ली वालों के लिए पानी का संकट बरकरार रहेगा.

जल संकट का डबल अटैक इसलिए भी है, क्योंकि कनाल से पानी न आने की हालत में यमुना से पानी लेकर प्लांट में ट्रीट किया जाता है, लेकिन वज़ीराबाद प्लांट में यमुना के पानी को ट्रीट करना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि रविवार की सुबह से ही यहां अमोनिया का स्तर लगातार बढ़ रहा है.

आपको बता दें कि दिल्ली को हरियाणा से रोजाना लगभग 1000 क्यूसेक पानी करियर-लाइन्ड चैनल सीएलसी और कच्ची नहर के ज़रिये मिलता है. इसमें से करीब 650 क्यूसेक पानी सीएलसी से और बाकि 350 क्यूसेक पानी कच्ची नहर से सप्लाई होता है. सीएलसी से आने वाले पानी में अमोनिया नहीं होता, जबकि कच्ची नहर से सप्लाई किए गए पानी में अमोनिया की संभावना ज्यादा होती है.

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फ़िलहाल 650 क्यूसेक वाली सीएलसी में डैमेज और यमुना में बढ़ते अमोनिया की वजह से दिल्ली जल बोर्ड के दोनों हाथ बंध गए हैं और देश की राजधानी में जल संकट गहरा गया है.

बता दें कि वज़ीराबाद प्लांट में हर दिन 120 एमजीडी (मीलियन गैलन) और चंद्रावल प्लांट से 93 एमजीडी पानी का प्रोडक्शन होता है, जबकि वहीं ओखला प्लांट में 20 एमजीडी तथा द्वारका प्लांट से हर दिन 40 एमजीडी पानी का प्रोडक्शन होता है.

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