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दिल्ली MCD चुनाव: डिलिमिटेशन ने मुश्किल की BJP की लड़ाई, AAP-कांग्रेस में से किसे मिलेगा फायदा?

दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां तेजी से प्रचार में जुट गई हैं. BJP इस बार यमुना प्रदूषण, पानी और दिल्ली सरकार के वादों की याद दिलाने वाले नुक्कड़ नाटकों के जरिए दिल्ली के 250 वॉर्डों में लोगों के बीच पहुंच रही है. अब इस बात पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि डिलिमिटेशन से किसे फायदा और किसे नुकसान होगा?

दिल्ली एमसीडी (File Photo) दिल्ली एमसीडी (File Photo)
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

डिलीमिटेशन ने शहरी और बीजेपी की परंपरागत सीटों पर लड़ाई तेज़ कर दी है. 15 सालों से दिल्ली नगर निगम की सत्ता में बैठी बीजेपी के लिए 2022 की लड़ाई आसान नहीं दिख रही है. बड़ी प्रतिद्वंद्वी AAP के खिलाफ प्रचार के तरीकों को बीजेपी ने इस बार बदला है.

BJP इस बार यमुना प्रदूषण, पानी और दिल्ली सरकार के वादों की याद दिलाने वाले नुक्कड़ नाटकों के जरिए दिल्ली के 250 वॉर्डों में लोगों के बीच पहुंच रही है. अब जनता के मन में क्या है. ये तो 7 दिसंबर को पता चलेगा. इससे पहले जान लेते हैं कि बीजेपी की कुछ परंपरागत सीटों पर कैसे पार्टी को इस बार बड़ी चुनौती मिलने जा रही है?   

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शालीमार बाग, राजौरी गार्डन रोहिणी, जनकपुरी, द्वारका जैसे इलाके बीजेपी के परंपरागत वोटर माने जाते रहे हैं. लेकिन परिसीमन के बाद इन इलाको में सीटों कम हुई हैं. करीब दर्जन भर इलाके ऐसे हैं, जहां बीजेपी की परंपरागत सीटें कम हो गई हैं. कम होने वाली 23 सीटों में से 18 सीटें बीजेपी बहुल हैं. ये बीजेपी के लिए खतरे का सिग्नल है.

नई सीटों में जो अतिरिक्त क्षेत्र जुड़े हैं, वो भाजपा के लिए बहुत ज्यादा फेवर के नही हैं. शकूरबस्ती, राजौरी गार्डन, शाहदरा में 1 सीट कम हुई. बनिया समाज के गढ़ त्रिनगर में सीट कम हुई हैं. निगम मामलों के जानकार जगदीश ममगाईं के मुताबिक 'अतिरिक्त क्षेत्र के जुड़ने से भाजपा की मुश्किल और बढ़ेगी और यही वजह है कि परंपरागत मानी जाने वाली सीटें टाइट हो जाएंगी. कुल मिलाकर 50 ऐसी सीटें हैं, जहां बीजेपी आसानी से जीत दर्ज कर लेती थी, लेकिन इस बार ऐसा नही होगा. शहरी इलाके और बीजेपी की परंपरागत सीटें कम होने का असर बीजेपी के लिए इन सीटों पर जीत को और मुश्किल खड़ी करेगा.
 
इन सीटो में जोड़े गए वॉर्ड

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नीमड़ी कॉलोनी और सावन पार्क को केशवपुरम इलाके में जोड़ा गया. टैगोर गार्डन और ख्याला को चौखंडी नगर में जोड़ा गया. सीतापुरी और मिलाप नगर को महावीर एनक्वेल में जोड़ा गया. सागरपुर ईस्ट और वेस्ट को सागरपुर में मिला दिया गया. त्रिलोकपुरी ईस्ट और वेस्ट को त्रिलोकपुरी में मिला दिया गया.

ये वॉर्ड कम किये गए

हैदरपुर, रामपुरा, आनंद पर्बत, राजा गार्डन, नावादा, घुमम्नहेड़ा, गोपालनगर, संगम विहार बी, संगम विहार डी, कोंडली विवेक विहार, नई सीमापुरी, कमालपुर, जीटीबी नगर, स्वामी श्रद्धानंद कॉलोनी, सुत्लानपुरी सी, मंगोलपुरी सी.

2017 में तीनों पार्टियों का वोट शेयर

पार्टी सीट वोट शेयर
BJP 181 सीट 36% 
AAP 48 सीट  26% 
कांग्रेस 30 सीट 21%
अन्य 13 सीट 17%

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