
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते GRAP-IV का चौथा चरण लागू किया है, इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में डीजल गाड़ियों की एंट्री पर भी रोक लगाई गई है. इसके बावजूद राजधानी में डीजल गाड़ियां धड़ल्ले से एंट्री कर रही हैं. दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री राजकुमार आनंद ने सिंघू बॉर्डर का निरीक्षण किया. इसके बाद
उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाले डीजल वाहन शहर में बढ़ते प्रदूषण में योगदान दे रहे हैं.
GRAP-IV के चौथे चरण के लागू होने के बाद BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों की दिल्ली में एंट्री बैन है. लेकिन निरीक्षण में हरियाणा से दिल्ली में डीजल वाहनों के लगातार प्रवेश का पता चला, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि खराब होती वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली में डीजल वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नरेला उपमंडल मजिस्ट्रेट को प्रतिबंधित वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू करने के लिए होर्डिंग्स, बैनर, शिविरों और हैंडबिल के माध्यम से सूचना प्रसारित करने का निर्देश दिया गया था. सभी निर्देशों और नियमों की जानकारी वाले बड़े बैनर हरियाणा से एंट्री पॉइंट पर लगाए जाने चाहिए ताकि ड्राइवरों को पहले से सूचित किया जा सके. जिससे वे दिल्ली में प्रवेश करने से बच सकें.
श्रम मंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार जमीनी स्तर पर प्रदूषण के स्तर को लगातार कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. क्या इसे लेकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मंत्रियों में चिंता झलकती है? हम पूरी लगन से अपना काम कर रहे हैं और राहत प्रदान करने के लिए लगातार हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
सभी बॉर्डर्स पर हो रही चेकिंग
एक नवंबर से दिल्ली के उन सभी बॉर्डर्स पर ट्रांसपोर्ट विभाग की टीम चेकिंग कर रही है, जहां से इंटरस्टेट बसें दिल्ली में आती और जाती हैं. बॉर्डर से सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी या BS6 डीजल इंजन से चलने वाली बसें संचालित किए जाने के आदेश हैं. विभाग ने अलग-अलग बॉर्डर पॉइंट पर 18 प्रवर्तन टीमों को तैनात किया है.
नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
दिल्ली सरकार के एक्शन प्लान के मुताबिक नियम के उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में निर्धारित विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा और एक्शन लिया जाएगा. नियमों की अवहेलना करके कोई बस चलती पाई जाने पर उसे जब्त किया जाएगा. यूपी, राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों से करीब 4500 बसें रोजाना दिल्ली में आती हैं. इनमें ज्यादातर बसें बीएस-3, बीएस-4 की हैं.