
शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की हाई कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. ईडी ने कहा, AAP के टॉप लीडर्स ने विजय नायर को एजेंसियों से झूठ बोलने की सलाह दी थी. इतना ही नहीं, सिसोदिया ने लीगल एक्सपर्स के ओपेनियन को बाहर करने के लिए कैबिनेट नोट के मसौदे को बदलाव दिया था. क्योंकि यह ओपेनियन सिसोदिया के सीक्रेट उद्देश्य में बाधा बन सकता था.
दरअसल, कानूनी विशेषज्ञों ने तत्कालीन मौजूदा नीति को जारी रखने की वकालत की थी और यह सब सिसोदिया के हित के खिलाफ थे. यही वजह है कि लीगल एक्सपर्ट की राय को रिकॉर्ड पर नहीं लाए जाने के लिए मसौदे का बदलवाया गया.
सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज
बता दें कि शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. उसके बाद ईडी ने अरेस्ट किया था. मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा- उनके खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मनीष का इस मामले में व्यवहार भी सही नहीं रहा है. वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इनके पास 18 विभाग रहे हैं. पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए उनको अभी जमानत नहीं दी जा सकती है.
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'सिसोदिया ने नष्ट किया पुराना कैबिनेट नोट'
ईडी चार्जशीट में कहा गया कि जांच के दौरान फाइल में कुछ गड़बड़ी के संकेत दिए. फाइल में यह देखा गया कि 28 जनवरी 2021 को DANICS अधिकारी प्रवेश झा द्वारा मनीष सिसोदिया को फाइल सौंपी गई थी. उसके बाद फाइल उनके पास से वापस नहीं आई है. यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करते हैं कि उन्होंने (सिसोदिया) कैबिनेट नोट के पुराने मसौदे वाली फाइल को नष्ट कर दिया है, ताकि इसका कोई सबूत न रह जाए.
'AAP के टॉप लीडर ने एजेंसियों से झूठ बोलने के लिए कहा'
जांच को पटरी से उतारने की कोशिश और सबूतों को नष्ट करने का सबूत महेंद्र चौधरी के फोन से भी बरामद किया गया है. दुर्गेश पाठक ने महेंद्र चौधरी को विजय नायर की मदद करने के लिए कहा था. नायर अगस्त 2022 में विदेश से वापस आए थे. चौधरी की वॉयस रिकॉर्डिंग में जांच एजेंसियों को झूठ बोलने की सलाह दी गई थी.
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'नायर और अरोड़ा ने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया'
मार्च 2022 में पंजाब में चुनाव के बाद विजय नायर ने अमित अरोड़ा और अन्य लोगों के साथ AAP सरकार बनने के बाद आबकारी मशीनरी का उपयोग किया और दिल्ली में अपने एल 1 लाइसेंस को सरेंडर करने के लिए महादेव लिकर्स को मजबूर किया. विजय नायर द्वारा अन्य सहयोगियों के साथ की गई इस साजिश के परिणामस्वरूप महादेव लिकर्स ने लाइसेंस को सरेंडर कर दिया. उसके बाद 4 निर्माताओं को मैसर्स शिव एसोसिएट्स और मेसर्स दीवान स्पिरिट्स को दे दिया गया, जिससे 8.02 करोड़ रुपए अपराध की आय के रूप में अर्जित किए.
'आपराधिक गतिविधियों को सिसोदिया का समर्थन था'
ईडी के मुताबिक, विजय नायर की आपराधिक गतिविधियों को मनीष सिसोदिया का समर्थन हासिल था. विजय नायर ने जो 8.02 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी, उसकी जानकारी सिसोदिया को भी थी. शराब घोटाले के दौरान सिसोदिया ने 14 मोबाइल फोन उपयोग किए. इसमें से सिर्फ 3 फोन या तो सीबीआई ने जब्त किए या उनके द्वारा ईडी के समक्ष पेश किए गए. इतना ही नहीं, दो फोन ऐसे भी बरामद हुए, जो सिसोदिया ने यूज किए थे. एक फोन AAP कार्यकर्ता सुशील सिंह के पास से जब्त किया गया. एक और फोन पूछताछ के दौरान जावेद खान के पास से मिला.
'फोन के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी'
वहीं, मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि बाकी 9 फोन उनके नहीं थे. यह पार्टी के दूसरे कार्यकर्ताओं के हो सकते हैं. हालांकि, उन्होंने इन फोन के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. इन 14 फोन में 43 सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए, जिनमें से सिर्फ 5 या तो उनके नाम से खरीदे गए या उन्होने स्वीकार किया कि किसी दूसरे के नाम से लिए गए थे.
संजय सिंह ने ईडी की नई चार्जशीट को बताया कॉमेडी
ईडी की नई चार्जशीट पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की मुझे फंसाने की चाहत पर हंसी और तरस दोनों आ रहा है. इतना तड़पने की जरूरत नहीं है. मुझे फोन करके बता दीजिए कि मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिल रहा है, मैं खुद जेल चला जाऊंगा. लेकिन झूठी कहानियां बना कर अपने आप को देश के सामने उजागर मत करिए. जांच एजेंसी ईडी को कॉमेडी सर्कस मत बनाइए.
उन्होंने ईडी की नई चार्जशीट को कॉमेडी बताया और चार्जशीट पढ़ते हुए कहा कि अमित अरोड़ा ने बयान दिया है कि जून 2020 में एक एमओयू साइन किया, जिसमें विवेक त्यागी, अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा मीटिंग में शामिल थे. इसके बाद बयान दिया कि संजय सिंह, दिनेश अरोड़ा के साथ मनीष सिसोदिया से मिलने गया. फिर अमित अरोड़ा ने बयान दिया है कि जो एमओयू साइन हुआ वह पॉलिसी आई ही नहीं.
चार्जशीट के मुताबिक जब दिनेश अरोड़ा से 9 अप्रैल को पूछा गया कि क्या आपकी संजय सिंह के साथ मनीष सिसोदिया के यहां कोई मीटिंग हुई थी तो दिनेश अरोड़ा ने 'NO NEVER' कहते हुए इनकार किया है. देश की कोर्ट को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि किस तरह बीजेपी और प्रधानमंत्री के इशारे पर ईडी नाच रही है. चार्जशीट में ऐसे बयान का जिक्र किया जा रहा है जिसका शराब नीति से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा, ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ संसद में आवाज उठाई थी. इसके बाद प्रिविलेज कमेटी का नोटिस मुझे थमा दिया गया. इसके बाद चार्जशीट में गलती से मेरा नाम लिख दिया गया, मैंने मानहानि का नोटिस भेजा तो ईडी ने अपनी गलती मानी. ईडी को अपनी गलती मानने की बेज्जती बर्दाश्त नहीं हो रही है. बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अमित अरोड़ा के साथ मिलकर बीजेपी ने फर्जी स्टिंग किया.