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घूस लेकर डीजल गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री, जानलेवा प्रदूषण पर 'आजतक' का चौंकाने वाला खुलासा

दिल्ली में पिछले कुछ हफ्ते से प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर है. राज्य सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग लगातार प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन तमाम कोशिशें नाकाम हो रही हैं. आजतक ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि भ्रष्टाचार इस प्रदूषण को कम नहीं होने दे रहा. लोकल पुलिस, आरटीओ, दिल्ली परिवहन विभाग और सेल्स टैक्स के लोग दिल्ली की हवा में जहर घोल रहे हैं. 

सख्ती के बाद भी दूसरे राज्यों से बधड़क दिल्ली आ रही थीं दग्गामार बसें सख्ती के बाद भी दूसरे राज्यों से बधड़क दिल्ली आ रही थीं दग्गामार बसें
नितिन जैन/मो. हिज्बुल्लाह
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:46 AM IST

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण लोगों को बीमार बना रहा है. प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप यानी ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का नियम भी लागू किया था, जिसके तहत दिल्ली में सभी ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई. डीजल से चलने वाले सभी वाहनों पर दिल्ली में प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था लेकिन प्रदूषण के स्तर में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली.

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आजतक की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम ने दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने के असली गुनहगारों को पता लगाने की कोशिश की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. आजतक की टीम 6 नवंबर को दोषियों को ढूंढने निकली तो दिल्ली की सड़कों पर अवैध डीजल बसें चलती दिखीं. इंवेस्टिगेशन में पता चला कि ये बसें कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां से यात्रियों को लाती- ले जाती हैं. इसके अलावा ये बसें लाल किला क्षेत्र, अक्षरधाम, मयूर विहार और नोएडा बॉर्डर से भी यात्रियों को लेती-छोड़ती हैं.

दिल्ली में 7 नवंबर से ग्रैप-4 नियम को हटा दिया गया है. इससे पहले तमाम सख्तियों के बाद भी डीजल की ये डग्गामार बसें बेधड़क दिल्ली में आ-जा रही थीं.

(बस मालिक शादाब पिछले 20 साल से दिल्ली से गया खस्ताहाल बसें चला रहा है. परमिट तो दूर की बात, उसकी बसें प्रदूषण वाले सख्त नियम ग्रैप-4 का भी पालन नहीं कर रही हैं. अब सुनिए शादाब ने रिपोर्टर से क्या बताया)

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रिपोर्टर- यहां से दिल्ली से कितनी गाड़ियां जाती हैं?

शादाब- बहुत सारी गाड़ियां हैं...आनंद विहार से हैं, निजामुद्दीन से हैं, यहां से 2-2,3-3 गाड़ियां खुलती हैं.

रिपोर्टर- गया के लिए? 

शादाब- बिहार के लिए.

रिपोर्टर- ये बासें लीगल हैं?

शादाब- देखिए ये तो गाड़ी अवैध हैं, लेकिन दिल्ली के लिए चल रही हैं.

रिपोर्टर- आरटीओ और पुलिस को कितना जाता है? 

शादाब- जहां रोकेगा, वहीं एंट्री है. कई जगह पैसा जाता है, पैसा पकड़ भी लिया जाता है, कई जगह अब यह कानून है कि पकड़ेगा तो कुछ न कुछ देना ही पड़ेगा. मंथली भी पैसा जाता है भाई साहब और वैसे रोकेगा तो भी देना ही पड़ता हैं आपको.

रिपोर्टर- मंथली कितना है? 

शादाब- मंथली हर पॉइंट का अलग-अलग है, किसी का दो हजार, किसी का तीन हजार. आरटीओ अलग लेते हैं. थाने वाले भी लेते हैं. 

रिपोर्टर- अभी जो प्रदूषण की वजह से रोक नहीं रहे हैं, दिक्कत नहीं हो रही है? 

शादाब- प्रदूषण हम कर रहे हैं? ये तो हरियाणा और पंजाब वाले कर रहे हैं.

(अब 30 साल से डग्गामार बसें चलवा रहे पप्पू की सुनते हैं. उन्होंने खुलासा किया कि दिल्ली के हर एंट्री पॉइंट पर कैसे एंट्री मिल रही है)

पप्पू- हर पॉइंट पर दो हजार रुपया तय है, तीन पॉइंट छोड़कर एक पॉइंट पर टीआई को भी जाता है. वो दो हजार रुपया ले लेता है.

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रिपोर्टर- तो फिर एंट्री कहां करनी होगी? 

पप्पू- हर रेड लाइट पर दो हजार की एंट्री होगी.

पप्पू- नोएडा में आरटीओ को पैसा जाता है, बाकी तो जो भी मिलता है, हाथ के हाथ ले लेता हैं.

रिपोर्टर- वो कितना लेता हाथ के हाथ? 

पप्पू- तीन सौ रुपये जिप्सी वाले... 

दोषियों के खिलाफ दिल्ली सरकार करेगी कार्रवाई

आजतक की रिपोर्ट के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. वहीं दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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