
कोरोना के दौर में हर किसी ने धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों के समर्पण और काम की तारीफ की. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वही डॉक्टर धरना देने को मजबूर हैं. दिल्ली के हिंदूराव हॉस्पिटल और कस्तूरबा हॉस्पिटल के डॉक्टर बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं.
डॉक्टरों का धरना 22 अक्टूबर से जारी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक धरने पर बैठे एक डॉक्टर ने कहा कि पहले हमने मेयर से शिकायत की थी. डॉक्टर के मुताबिक तब मेयर ने बताया था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास पैसा नहीं है. अब चार महीने हो गए हैं. गौरतलब है कि इन अस्पतालों के चिकित्सकों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है.
डॉक्टर बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर 22 अक्टूबर को सड़क पर उतर आए थे. चिकित्सकों का आरोप है कि उन्होंने बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग कई बार की, लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है. डॉक्टरों के मुताबिक, बकाया वेतन का भुगतान करने के लिए उनके सामने अब धरना-प्रदर्शन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है.
बता दें कि इन अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल का नोटिस पहले ही दे दिया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने हिंदूराव अस्पताल को नॉन कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया था. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एमसीडी पर तंज कसते हुए कहा था कि जब अस्पतालों का संचालन नहीं कर सकते तो हमें हैंडओवर कर दें, इन्हें हम चलाएंगे.