
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज मंगलवार को बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि केजरीवाल सरकार ने 2048 में 39वें ओलंपिक खेल की मेजबानी करने का लक्ष्य बनाया है. सिसोदिया का दावा है कि आम आदमी पार्टी सरकार आजादी की सौंवीं वर्षगांठ पर दिल्ली में ओलंपिक खेलों का आयोजन करने की योजना बना रही है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से 'आजतक' ने पूछा कि क्या ओलंपिक खेलों के दिल्ली में आयोजन करने को लेकर केंद्र सरकार से कोई बातचीत हुई है या कोई आवेदन किया गया है. केजरीवाल ने कहा कि फिलहाल आवेदन नहीं किया है, लेकिन आवेदन करेंगे और केंद्र सरकार से बातचीत भी करेंगे.
आगे सीएम केजरीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि ये योजना अकेले के लिए नहीं है, ये देश की बात है तो सब मिलकर काम करेंगे, ये देश के लिए बड़े गर्व की बात होगी. जाहिर है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार इस मामले में मिलकर काम करेगी.
आइए, आपको बताते हैं कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ओलंपिक खेलों को लेकर अपने बजट भाषण में क्या ऐलान किया है.
सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा कि आज जब मैं आजादी की 75वीं सालगिरह की दहलीज पर देशभक्ति बजट इस सदन के समक्ष रख रहा हूं तो खेल को लेकर एक और बड़ा सपना, इस उद्देश्य के साथ कि भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक हमें यह पूरा करना है, भी इस सदन के समक्ष रख रहा हूं. यह सपना है कि दिल्ली में ओलंपिक खेलों का आयोजन हो. 1896 में एथेंस से शुरू होकर अब तक ओलंपिक की मशाल कभी दिल्ली में आकर नहीं ठहरी.
15 साल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिएः सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि "अगले 32वें ओलंपिक गेम्स टोक्यो में आयोजित होने हैं. इसके बाद के अगले तीन ओलंपिक खेलों के होस्ट सिटीज भी तय हो चुके हैं. हमारी सरकार नई खेल यूनिवसिर्टी के माध्यम से खेल सुविधाओं को और खेल प्रतियोगिताओं के प्रति वातावरण को इस स्तर तक लाने का लक्ष्य रखती है ताकि हम 2048 के 39वें ओलंपिक खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए आवेदन कर सकें.
उन्होंने कहा कि यह समय अभी दूर लग सकता है, लेकिन 2048 के करीब 10 साल पहले हमें इसकी बिडिंग करनी होगी और उसके पहले 15 साल पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, वातावरण बनाने और तब तक की प्रतियोगिताओं में अपने खिलाड़ियों को मेडल लाने में लगेंगे. लेकिन यह उम्मीद और यह सपना आज आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर देखना बहुत जरूरी है.
सवाल ये है कि क्या दिल्ली का स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत है कि ओलंपिक जैसे खेलों का आयोजन किया जा सके. या दिल्ली में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं को बेहतर करने के अलावा किस तरह के जमीनी बदलाव जरूरी हैं.
10 खेलों का लक्ष्य तयः सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में बजट पेश करते हुए दावा किया कि दिल्ली में आज देश का सबसे बेहतरीन स्पोर्ट्स इंफ्रास्टक्चर खड़ा हो गया है. हमने दिल्ली के दूर दराज के इलाकों में भी और विशेषकर गांव देहात के इलाकों में विश्वस्तरीय खेल सुविधाएं विकसित की हैं. दिल्ली में 1951 में पहले एशियन गेम्स का आयोजन हुआ, उसके बाद 1982 में फिर से एशियन गेम्स का आयोजन हुआ. 2010 में मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप और राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन हुआ.
उन्होंने यह भी बताया कि केजरीवाल सरकार कम से कम 10 खेल क्षेत्रों में इंटरनेशनल मेडल विनिंग चैंपियंस तैयार करने का लक्ष्य तय किया है. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में अब हमने खेल प्रतिभाओं और सुविधाओं को एक सूत्र में पिरोने के लिए और उन्हें विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने के लिए स्पोर्ट्स यूनिवसिर्टी बनाई है. हमारा लक्ष्य है कि हम कम से कम 10 खेल क्षेत्रों में इंटरनेशनल मेडल विनिंग चैंपियंस तैयार करें.