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दिल्ली में अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रमुख सड़कों पर कर्बसाइड चार्जिंग की सुविधा मिलेगी. दिल्ली सरकार कई विभागों के साथ मिलकर ब्लू प्रिंट तैयार कर रही है. कर्बसाइड चार्जिंग, विश्व स्तर पर एक उभरती हुई तकनीक है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन को सड़क के किनारे खड़ा कर स्ट्रीट लाइट, लैंप पोस्ट या चार्जिंग पोस्ट के माध्यम से चार्ज किया जा सकता है.
डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर्बसाइड चार्जिंग इनस्टॉल करने के लिए बैठक की. डीडीसी की ओर से उपाध्यक्ष जस्मिन शाह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
पिछले महीने, दिल्ली सरकार ने दिल्ली में चार्जिंग और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 साल की कार्य योजना तैयार की थी. जिसमें 18 हजार चार्जिंग पॉइंट बनाने का लक्ष्य रखा गया था. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कर्बसाइड चार्जिंग महत्वपूर्ण रणनीति है. इसके तहत मौजूदा सिविक और इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाता है.
बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्बसाइड चार्जिंग के लिए लैंप पोस्ट और ऑन-स्ट्रीट पार्किंग की साइटों के करीब खाली पड़े सबस्टेशन का इस्तेमाल किया जाएगा. यह प्रक्रिया पायलट प्रोजेक्ट में सभी तीनों डिस्कॉम में 100 कर्बसाइड चार्जर स्थापित कर शुरू होगी. पायलट प्रोजेक्ट को डीडीसी के निर्देशन में डिजाइन किया जाएगा. पीडब्ल्यूडी सड़कों पर कर्बसाइड चार्जर लगाने की जिम्मेदारी डिस्कॉम की होगी.
दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की 1,400 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं. जिनमें करीब 1 लाख लैम्प पोस्ट हैं. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसका पूरी दिल्ली में विस्तार किया जाएगा. दिल्ली की सभी प्रमुख सड़कों पर ईवी चार्जर लगाने का लक्ष्य है. कर्बसाइड चार्जिंग से दोपहिया और तिपहिया वाहनों को सुविधाजनक चार्जिंग का विकल्प मिलेगा. इसके अलावा जिन आवासीय कॉलोनियों में पार्किंग की सुविधा ठीक नहीं है, वहां इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
बैठक के दौरान आंकड़ा पेश किया गया कि विश्व स्तर पर लंदन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कर्बसाइड चार्जिंग सफल रही है. वहां 30 से 50 फीसदी कार चालक रात में स्ट्रीट साइड पार्किंग का उपयोग करते हैं. यूके में 5,500 से अधिक कर्बसाइड ईवी चार्जर लगाए गए हैं, जिनमें से 80 फीसदी लंदन में ही हैं. न्यूयॉर्क ने भी इसी तरह के पायलट प्रोजेक्ट लागू किए हैं.
डिस्कॉम उन सड़कों की पहचान करेगा, जहां पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 ईवी चार्जर शुरू किए जा सकते हैं. परिवहन विभाग के ईवी सेल के साथ दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) इसके संचालन की नोडल एजेंसी होगी. दिल्ली सरकार ने अगले 3 सालों में 5 हजार से अधिक कर्बसाइड चार्जर लगाने का लक्ष्य रखा है.
जल्द शुरू होगा चांदनी चौक में दूसरे फेज का रिडेवलपमेंट
केजरीवाल सरकार चांदनी चौक में दूसरे फेज का रिडेवलपमेंट जल्द शुरू करेगी. सौन्दर्यीकरण के दूसरे फेज में सरकार का चांदनी चौक की इमारतों के इतिहास को बरकरार रखते हुए इमारतों के संरक्षण और उन्हें नया स्वरूप देने का काम करेगी. इसके तहत ऐतिहासिक और आधुनिक आर्किटेक्चर डिजाइनों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए, तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण किया जाएगा.
इसके साथ ही मौजूदा दुकानों के सौन्दर्यीकरण, दुकानों के लिए आकर्षक कलर, साइनेज स्कीम, स्ट्रक्चरल रेट्रोफिटिंग, इमारतों और दुकानों के लिए आकर्षक लाइट्स विकसित की जाएंगी, जो चांदनी चौक के समृद्ध इतिहास को दिखाएंगी.
सोमवार को उपमुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों के साथ अहम बैठक कर इसके प्लान पर चर्चा की. मनीष सिसोदिया ने बताया कि सौन्दर्यीकरण के पहले फेज में लैंडस्केपिंग पर फोकस किया गया था और इसके तहत लाल किला से फतेहपुरी मस्जिद के बीच 1.3 किमी के रोड स्ट्रेच का सौन्दर्यीकरण किया गया था.
उन्होंने आगे कहा कि दूसरे फेज में चांदनी चौक को और ज्यादा खूबसूरत बनाने के विजन के तहत अब सरकार यहां की ऐतिहासिक इमारतों और दुकानों की वास्तुकला को पुनर्जीवित करने पर फोकस करेगी. इससे चांदनी चौक एक ब्रांड के रूप में विकसित होगा और यहां आने वाले खरीददारों को एक अनूठा अनुभव मिलेगा साथ ही बड़ी संख्या में यहां लोग आकर्षित होंगे, जिससे यहां व्यापार भी बढ़ेगा.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में चांदनी चौक में ऐतिहासिक और आधुनिक वास्तुकला की इमारतों का मिश्रण है. लेकिन बाजार को एक एकीकृत रूप प्रदान करने के लिए, इन इमारतों को एक नया रूप देने की आवश्यकता है. इसलिए चांदनी चौक की एतिहासिकता को बरकरार रखते हुए सरकार यहां की इमारतों के सौन्दर्यीकरण, बेहतरीन साइनेज और लाइटनिंग के साथ पूरे चांदनी चौक को एक ब्रांड के रूप में विकसित करेगी.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुनर्विकास योजना के क्रियान्वयन के दौरान अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सौन्दर्यीकरण के पूरे प्रोजेक्ट के दौरान स्थानीय दुकानों-खरीददारों की किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें.
इसके साथ ही सरकार शाहजहानाबाद क्षेत्र की सड़कों को भी नया रूप देने की योजना बना रही है, ताकि पर्यटकों को खरीदारी का बेहतर अनुभव और दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत को समझने का बेहतर अवसर मिल सके.
बता दें कि चांदनी चौक के सौन्दर्यीकरण के पहले फेज में दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक से फतेहपुरी मस्जिद के बीच 1.3 किमी स्ट्रेच के सौन्दर्यीकरण का कार्य किया गया और इसे नया रूप दिया गया. इसके तहत पूरे स्ट्रेच पर रेड सेंड स्टोन से काम किया गया और चांदनी चौक देखने आने वाले पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर सड़क पर जगह-जगह बैठने के बोलर्ड्स और सैंड स्टोन की सीटें लगाई गई, ताकि पर्यटकों को असुविधा न हो.
पैदल यात्रियों के लिए शौचालय, पानी के एटीएम और कूड़ेदान जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की गई, भीड़भाड़ कम करने के लिए सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित की गई, पूरे स्ट्रेच से खम्बों पर लटकते तारों को हटकर उन्हें भूमिगत किया गया, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पर्याप्त स्ट्रीट लाइटिंग और सुरक्षा को ध्यान रखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे.