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दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर पर कर्मचारियों ने लगाया ताला, वेतन न मिलने से थे नाराज

कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर प्रायोगिक तौर पर लगाया गया था. दिल्ली के प्रदूषण हॉटस्पॉट में से एक आनंद विहार में एक और स्मॉग टावर खोला गया. कर्मचारियों ने कहा कि यहां पीने का पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं.

स्मॉग टावर पर कर्मचारियों ने ताला जड़ दिया स्मॉग टावर पर कर्मचारियों ने ताला जड़ दिया
अनमोल नाथ
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए साल 2020 में 22 करोड़ के मेगा स्मॉग टावर लगाए गए थे. लेकिन अब इसके कर्मचारियों ने स्मॉग टावर पर ताला लगा दिया है. बंगला साहिब गुरुद्वारा के पास स्थित टावर ने अप्रैल 2023 में परिचालन बंद कर दिया था और नवंबर 2023 में शीर्ष अदालत के आदेश के बाद इसे फिर से शुरू किया गया था, लेकिन 6 जनवरी 2024 को कर्मचारियों ने इस पर ताला जड़ दिया.

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विबग्योअर कंसल्टिंग कंपनी वह फर्म थी, जो टावर का संचालन कर रही थी. स्टाफ सदस्यों के अनुसार उन्हें पिछले महीने का वेतन नहीं मिला है. साथ ही उन्हें सरकार की ओर से भी नौकरी का लिखित में कोई आश्वासन नहीं मिला है. 24 मीटर ऊंचे स्मॉग टावर में प्रति सेकंड एक किलोमीटर के दायरे में 1,000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करने की क्षमता थी. 40 पंखे और 5,000 एयर फिल्टर से सुसज्जित टावर प्रदूषित हवा को सोखता है और फ़िल्टर की गई हवा को छोड़ता है.

आजतक से बात करते हुए टावर के एक कर्मचारी महिपाल बिस्ट ने कहा कि यह टावर DPCC और NBCC के अधीन है. हमारी कंपनी Vibgyour Consulting इस टावर का संचालन कर रही थी. लेकिन अप्रैल 2023 में टावर का संचालन बंद कर दिया गया था. नवंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को फटकार लगाने के बाद इस टावर को शुरू करने के लिए हमें डीपीसीसी ने बुलाया था और 8 नवंबर को फिर से टावर चालू कर दिया गया. लेकिन बाद में हमें समय पर वेतन नहीं दिया गया और हमारा दिसंबर का वेतन अभी तक नहीं मिला है. इतना ही नहीं, हमारी कंपनी को दिल्ली सरकार से स्थायी नौकरी का आश्वासन भी नहीं मिला है. बिस्ट ने कहा कि ऐसे में हमारे पास स्मॉग टावर को बंद करने का ही एक विकल्प था.

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बता दें कि कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर प्रायोगिक तौर पर लगाया गया था. दिल्ली के प्रदूषण हॉटस्पॉट में से एक आनंद विहार में एक और स्मॉग टावर खोला गया. कर्मचारियों ने कहा कि यहां पीने का पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. टावर के इलेक्ट्रीशियन विवेक उनियाल ने कहा कि पीएलए और स्क्रूड्राइवर जैसे बुनियादी उपकरण भी यहां उपलब्ध नहीं हैं. हमें कोई सुरक्षा गियर भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. 

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने दो साल लंबी परियोजना के बाद स्मॉग टावर को बंद करने का सुझाव दिया था, जिसमें पता चला था कि स्मॉग टॉवर से 100 मीटर की दूरी पर पार्टिकुलेट मैटर (PM) में कमी केवल 12 प्रतिशत से 13 प्रतिशत के आसपास थी. स्टाफ के सदस्यों के अनुसार टावर भी काम करने के लिए अच्छी स्थिति में नहीं था. टावर में स्थापित 5000 फिल्टर में से अधिकांश पुराने हैं. इन्हें बदलने की जरूरत है. टावर के सुरक्षा कर्मचारी पुनीत नग्गर ने कहा कि हमारे पास परिवार है, पहले भी हमें घर बैठने के लिए कहा गया था और अब फिर से डीपीसीसी से कोई भी हमें जवाब नहीं दे रहा है.

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