
अब दिल्ली के स्कूलों में कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित वर्ग (डीजी) और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) से संबंधित श्रेणियों के बच्चों के दाखिला के लिए 5 मार्च को लॉटरी प्रक्रिया का आयोजन होगा. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा है कि सरकार हर प्रक्रिया में पारदर्शी बन रही है. सभी स्कूलों को नए नियम पालन करने होंगे. लॉटरी प्रक्रिया का आयोजन अभिभावकों और मीडिया की मौजूदगी में की जाएगी.
ईडब्ल्यूएस के बच्चों के दाखिला के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी किया. नए सर्कुलर को नहीं मानने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई. सरकार ने सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ईडब्ल्यूएस, डीजी और सीडब्ल्यूएसएन से संबंधित श्रेणियों के तहत छात्रों के लिए प्रवेश पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड लक्की ड्रॉ के जरिए किया जाए.
ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आय की सीमा 5 लाख रुपये सालाना रखी गई. पूरी प्रक्रिया का कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ ऑफ लॉट एक स्टैंड अलोन कंप्यूटर के जरिए होगा जिसमें कोई भी ह्यूमन इंटरफ्रेंस नहीं होगा. कुल मिलाकर 2.5 लाख आवेदन आए हैं जिनमें से 38 हजार छात्रों का एडमिशन ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में होगा.
इस बार दाखिले के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी भी रखा गया. सर्टिफिकेट की जांच स्कूलों की बजाय डायरेक्टरेट ऑफ एजूकेशन अपने जोनल ऑफिस की मदद से करेगा. इसकी वजह से कोई भी स्कूल किसी भी छात्र को ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में दाखिला देने से मना नहीं कर पाएगा.पहली बार पूरी प्रक्रिया शिक्षा निदेशालय के ठीक बाहर बड़ी टीवी स्क्रीन पर भी दिखाई जाएगी. शिक्षा मंत्री का दावा है कि जो भी 2.5 लाख आवेदक है उनमें से कोई भी अभिभावक आकर इस पूरी प्रक्रिया को उसे बड़ी स्क्रीन पर देख सकता है.
शिक्षा निदेशालय ने चेतावनी दी है कि कुछ व्यक्ति, संगठन या संस्था ये दावा कर सकती है कि वह इस प्रवेश प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं. ऐसे दावे पूरी तरह से भ्रामक हैं.