
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और AAP नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) दिल्ली शराब घोटाला मामले में इन दिनों जेल के अंदर हैं. उन्होंने तिहाड़ जेल से अपनी विधानसभा पटपड़गंज की जनता के नाम पत्र लिखा है, जिसमें कहा कि जल्द ही जेल से बाहर मिलेंगे. मनीष सिसोदिया ने लिखा कि पिछले एक साल में मुझे सबकी याद आई, सब ने बहुत ईमानदारी से मिलकर काम किया. जैसे आजादी के वक्त सब ने लड़ाई लड़ी, वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूल के लिए लड़ रहे हैं.
'अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद करते थे...'
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अंग्रेजों की तानाशाही के बाद भी आजादी का सपना सच हुआ, वैसे ही एक दिन हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी. अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था, अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे. अंग्रेजों ने कई सालों तक महात्मा गांधी को जेल में रखा, नेल्सन मंडेला को भी जेल में डाला. ये लोग मेरी प्रेरणा हैं और आप सब मेरी ताकत हैं.
उन्होंने आगे कहा कि विकसित देश होने के लिए अच्छी शिक्षा और स्कूल का होना जरूरी है. मुझे खुशी है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई. अब पंजाब में शिक्षा क्रांति की खबर पढ़कर सुकून मिलता है.
मनीष सिसोदिया ने अपनी विधानसभा के लोगों की ओर मुखातिब होते हुए लिखा कि जेल में रह कर मेरा प्यार आप लोगों के लिए और बढ़ा है, मेरी पत्नी का आप लोगों ने बहुत ध्यान रखा. सीमा आपकी सबकी बात करते हुए भावुक हो जाती हैं, आप सब अपना ख्याल रखिए. जल्द बाहर मिलेंगे, लव यू ऑल!
बता दें कि इससे पहले तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल भी चिट्ठी लिख चुके हैं. वो तिहाड़ जेल जाने से पहले ईडी की कस्टडी में थे. इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी के जरिए संदेश भेजा था और जनता को संबोधित करते हुए चिट्ठी भी लिखी.
क्यों गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया?
मनीष सिसोदिया को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के बनाने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था.
यह भी पढ़ें: संजय सिंह ने केजरीवाल और सिसोदिया की पत्नी से की मुलाकात, पैर छूकर लिया आशीर्वाद
दिल्ली HC ने जमानत देने से इनकार किया
जब इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, तो जज ने पिछले साल जुलाई में उन्हें यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोप "बहुत गंभीर प्रकृति" के हैं. हालांकि, सिसोदिया के वकील ने यह तर्क दिया कि इस मामले में सिसोदिया को अकेला छोड़ दिया गया है और उन पर साजिश का आरोप लगाया जा रहा है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट ने सही माना. हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को "तर्कसंगत आदेश" मानते हुए मनीष को जमानत देने से इनकार कर दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. जबकि शीर्ष अदालत ने सीबीआई और ईडी से कहा था कि वह सिसोदिया को "अनिश्चित अवधि" के लिए जेल में नहीं रख सकते, लेकिन मनीष की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी.
यह भी पढ़ें: संजय सिंह की रिहाई पर पत्नी अनीता ने जाहिर की खुशी, केजरीवाल और सिसोदिया पर कही ये बात
शीर्ष अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था और अपना आदेश सुनाते हुए कहा था कि मामले में 338 करोड़ रुपये के धन का लेन-देन "अस्थायी रूप से स्थापित" किया गया था. हालांकि, SC ने कहा था कि अगर मुकदमा लापरवाही से या धीमी गति से आगे बढ़ता है तो सिसोदिया को तीन महीने के भीतर फिर से जमानत के लिए आवेदन करने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका लगाई गई लेकिन वह भी ख़ारिज हो गई