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शराब घोटाला: सिसोदिया ने अदालत में दायर की जमानत याचिका, कल होगी सुनवाई

CBI के मामले में दायर अपनी नियमित जमानत याचिका में सिसोदिया ने पहले तर्क दिया था कि उनकी पत्नी 20 साल से ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ से पीड़ित हैं और उनकी स्थिति और खराब होने की आशंका है. इस बीमारी में मांसपेशियों पर से व्यक्ति का नियंत्रण खो जाता है, जिसके चलते उसे हिलने डुलने, चलने या बात करने में परेशानी होती है.

मनीष सिसोदिया-फाइल फोटो मनीष सिसोदिया-फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2023,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत के लिए बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

याचिका को तत्काल लिस्टेड करने के लिए मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष इसके बारे में बताया गया और इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी. याचिका पर गुरुवार को न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा के समक्ष सुनवाई होगी.

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सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर नियमित जमानत याचिका के साथ-साथ अंतरिम जमानत याचिका दायर की है.

CBI के मामले में दायर अपनी नियमित जमानत याचिका में सिसोदिया ने पहले तर्क दिया था कि उनकी पत्नी 20 साल से ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ से पीड़ित हैं और उनकी स्थिति और खराब होने की आशंका है. इस बीमारी में मांसपेशियों पर से व्यक्ति का नियंत्रण खो जाता है, जिसके चलते उसे हिलने डुलने, चलने या बात करने में परेशानी होती है.

उन्होंने निचली अदालत के 28 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि सबूत प्रथम दृष्टया 'अपराध में उनकी संलिप्तता के बारे में बताते हैं.'

सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में सिसोदिया की नियमित और अंतरिम जमानत याचिकाएं भी गुरुवार को न्यायमूर्ति शर्मा के समक्ष सुनवाई के लिए लिस्टेड हैं.

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उन्हें सीबीआई और ईडी ने 26 फरवरी और नौ मार्च को भ्रष्टाचार एवं मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया था.

निचली अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि साक्ष्य प्रथम दृष्टया 'अपराध में किस हद तक उनकी संलिप्तता है, इस ओर इशारा करते हैं.'

अदालत ने सिसोदिया को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष मनी लॉन्ड्रिंग के कथित अपराध में सिसोदिया की संलिप्तता को लेकर एक वास्तविक और प्रथम दृष्टया मामला दिखाने में सक्षम रहा है.

अदालत ने 'गंभीर प्रकृति के आरोपों और आपराधिक साजिश में सिसोदिया द्वारा निभाई गई भूमिका, अपराध की आय के सृजन और इस्तेमाल आदि से संबंधित गतिविधियों में उनकी संलिप्तता' को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था.

उसने कहा था कि सिसोदिया की पत्नी की कथित बीमारी भी उन्हें इस मामले में जमानत पर रिहा करने का आधार नहीं है.

अदालत ने कहा था कि सिसोदिया द्वारा मामले के प्रमुख गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
 

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