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दिल्ली में फर्जी RTO अफसर... ऑनलाइन आवेदन करने वाले शख्स को आया एक कॉल और NOC के नाम पर लगा दिया 50 हजार का चूना

दिल्ली में ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति ने आरटीओ विभाग में ऑनलाइन आवेदन किया था. इसके बाद उसके पास एक कॉल आया और एनओसी के नाम पर ठग ने फर्जी आरटीओ अधिकारी (Fake RTO officer) बनकर 50 हजार का चूना लगा दिया.

फर्जी RTO अफसर बनकर ठगी. (Representational image) फर्जी RTO अफसर बनकर ठगी. (Representational image)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में ठगी का अनोखा मामला सामने आया है. यहां ठग ने खुद को आरटीओ अधिकारी (Fake RTO officer) बताकर हजारों की ठगी कर ली. आरोपी ने डुप्लिकेट एनओसी (Duplicate NOC) देने के बहाने एक व्यक्ति से 50,000 रुपये ले लिए. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

एजेंसी के अनुसार, पुलिस ने बताया कि ठगी के आरोप में जिन आरोपियों को अरेस्ट किया गया है, उनकी पहचान अजय मिश्रा और सर्वेश कुमार शर्मा के रूप में हुई है. दरअसल, एक व्यक्ति ने साउथ साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी कि 11 अप्रैल को उसने आरटीओ सराय काले खां को आवेदन दिया था, जिसमें वाहन की डुप्लीकेट एनओसी जारी करने का अनुरोध किया गया था.

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इसके बाद 15 अप्रैल को एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया. उसने खुद को जनकपुरी आरटीओ में कार्यरत क्लर्क बताया और कहा कि वह एनओसी के मामले में हेल्प कर सकता है. इस दौरान कॉल करने वाले ने एनओसी की फीस के रूप में 7,500 रुपये ठग लिए.

यह भी पढ़ें: जालसाजों ने ऑनलाइन ठगी के जरिए व्यवसायी को लगाया 35 लाख का चूना, मुंबई पुलिस ने बरामद किए रुपये

कुछ समय बाद एक अन्य व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को आरटीओ इंस्पेक्टर बताया और डुप्लीकेट एनओसी जारी करने के नाम पर शिकायतकर्ता से 43,300 रुपये की धोखाधड़ी कर दी.

डीसीपी ने बताया कि पैसे लेने के बाद उनमें से किसी ने भी कॉल का जवाब नहीं दिया. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी.

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जांच की गई तो पता चला कि लखनऊ से किया गया था कॉल

पुलिस ने बैंक खाते को लेकर जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि ठगों ने जिस नंबर से कॉल किया था, वह लखनऊ में इस्तेमाल किया जा रहा था. इस दौरान एक व्यक्ति की पहचान हो गई है.

इसके बाद पुलिस ने लखनऊ में छापेमारी की और अजय मिश्रा नाम के आरोपी को सर्वेश कुमार शर्मा के साथ गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बताया कि वे दोनों बेरोजगार थे. कोई काम नहीं था. काम धंधे को लेकर सुमित मेहरा के साथ चर्चा की. सुमित अजय का साला है और सर्वेश के साथ भी उसकी दोस्ती है.

इसके बाद अजय मिश्रा ने सभी के साथ मिलकर खुद को आरटीओ एजेंट बताकर लोगों को ठगने की योजना बनाई. डीसीपी ने कहा कि आरोपियों ने लोगों को धोखा देने के लिए आरटीओ कार्यालय के नाम से एक वेबसाइट पर प्रोफाइल भी बना रखी थी. मिश्रा को पकड़ने की कोशिश की जा रही है.

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