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साउथ एमसीडी के प्रवक्ता राधा कृष्णा के मुताबिक निगम दफ्तर में पिछले कुछ दिनों से नौकरी के सिलसिले में जानकारी लेने के लिए कई लोगों के फोन आए थे जिसके आधार पर अधिकारियों की एक टीम मे मामले की जांच शुरु कर दी है. टीम ने जांच के बाद पाया कि एक निजी वेबसाइट कई सरकारी विभागों में भर्ती के विज्ञापन दिखा रही थी. विज्ञापन के लिंक पर क्लिक करने के बाद साउथ एमसीडी की वेबसाइट ओपन होने पर निगम के अधिकारियों ने वेबसाइट से वह निगम का लिंक हटवा दिया है.
निगम ने हालांकि इसकी कोई शिकायत नहीं करवाई है लेकिन निगम के मुताबिक एमसीडी कभी भी ऐसे निजी वेबसाइट के ज़रिए नौकरी के लिए विज्ञापन जारी नहीं करती है. निगम ने लोगों से अपील की है कि वह ऐसे विज्ञापनों के झांसे में ना आएं. निगम प्रवक्ता राधा कृष्णा के अनुसार वेबसाइट के ज़रिए निगम के मलेरिया विभाग के फील्ड वर्कर पद के लिए आवेदन का विज्ञापन था. एमसीडी के मुताबिक अभी उसके पास भी ऐसी कोई शिकाय़त नहीं आई है जिसमें नौकरी के नाम पर किसी से ठगी हुई हो.
साउथ एमसीडी प्रवक्ता राधा कृष्णा के अनुसार निगम अपनी वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी देकर लोगों को जागरुक करेगा ताकि लोग झांसे में ना आएं. ज़रूरत पड़ने पर जल्द ही अखबारों या रेडियो में विज्ञापन देकर भी लोगों को जागरुक किया जा सकता है. हाल के दिनों में फर्जी वेबसाइट के जरिए नौकरियां देने का चलन पड़ा है. हाल ही में डीडी किसान चैनल का फर्जी लैटर पेड बनाकर भी नौकरियों के लिए आवदेन मांगे गए थे जिसके बदले में ठगी का कारोबार चल रहा था. मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग की ओर से इस मामले में सफाई दी गई थी और विज्ञापन को फर्जी बताया गया था.