
खेती से जुड़े तीन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने 1 फरवरी को जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी. किसान दिल्ली में न घुस पाएं, इसके लिए पुलिस ने सड़कों पर नुकीले तार बिछा दिए थे, सीमेंट की दीवार खड़ी कर दी थी. देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो युद्ध जैसे हालात हों. ये सब इसलिए हुआ था क्योंकि 26 जनवरी पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इसने न केवल भारतीय मीडिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान भी अपनी ओर खींचा था. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना की गई थी.
लेकिन, ये सब करने में दिल्ली पुलिस ने कितना पैसा खर्च किया? ये जानने के लिए इंडिया टुडे ने राइट टू इन्फोर्मेशन यानी आरटीआई का इस्तेमाल किया और दिल्ली पुलिस में एक आरटीआई दाखिल की. हमने ये भी पूछा कि जहां-जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वहां-वहां पुलिस की तैनाती में कितना खर्च आया?
हमें तीन अलग-अलग जिलों से तीन अलग-अलग जवाब मिले. पहला जवाब आउटर डिस्ट्रिक्ट से, जहां टिकरी बॉर्डर आती है. आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने बताया कि "टिकरी बॉर्डर पर मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने पर अब तक 7,49,078 रुपए खर्च हुए हैं." हालांकि, पुलिस जवानी की तैनाती पर खर्च के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.
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वहीं, गाजीपुर बॉर्डर ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में आती है. यहां से जवाब मिला, "अब तक 1.57 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं." पुलिस की तैनाती पर पूछे गए खर्च के जवाब में पुलिस ने बताया कि कुछ खर्चा नहीं हुआ.
इसके अलावा सिंघु बॉर्डर आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस के अधीन आती है. इसने जानकारी देने से मना कर दिया. आरटीआई के जवाब में इसने कहा, "इसकी जानकारी नहीं दे सकते क्योंकि आंदोलन अभी भी चल रहा है."
हैरानी की बात है कि ईस्ट डिस्ट्रिक्ट और आउटर डिस्ट्रिक्ट बैरिकेडिंग पर हुए खर्चे की जानकारी दे सकते हैं, लेकिन आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट इसकी जानकारी नहीं दे सकता.