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किसान आंदोलन के बीच दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए हुआ मतदान, 25 अगस्त को आएंगे नतीजे

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 46 वार्डों के लिए 22 अगस्त को मतदान हुआ. शिरोमणि अकाली दल (बादल), DSGMC के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के नेतृत्व वाले जग आसरा गुरु ओट (जेएजीओ) और परमजीत सिंह सरना के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) को इस चुनाव में शीर्ष दावेदार माना जा रहा है. ये चुनाव हर चार साल में होते हैं.

DSGMC के मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी डाला वोट DSGMC के मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी डाला वोट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST
  • 46 वार्डों में रविवार को हुआ मतदान
  • DSGMC में हर चार साल में होते हैं चुनाव

दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के चुनाव में रविवार को मतदान हुआ. इसके नतीजे 25 अगस्त को आएंगे. DSGMC के मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा अपने धड़े की जीत को लेकर आश्वस्त दिखे. उन्होंने कहा, उन्हें 46 में से 40 वार्ड में जीत मिलेगी. 
 
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 46 वार्डों के लिए 22 अगस्त को मतदान हुआ. शिरोमणि अकाली दल (बादल), DSGMC के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के नेतृत्व वाले जग आसरा गुरु ओट (जेएजीओ) और परमजीत सिंह सरना के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) को इस चुनाव में शीर्ष दावेदार माना जा रहा है. ये चुनाव हर चार साल में होते हैं.

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स्वास्थ्य-शिक्षा जैसे मुद्दों पर हुआ मतदान
अभी शिरोमणी अकाली दल (बादल) DSGMC की सत्ता में है. मनजिंदर सिंह सिरसा इसके अध्यक्ष हैं. वहीं, इस चुनाव में वोटरों ने मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दों पर फोकस किया. वहीं, उम्मीदवारों ने भी एक दूसरे पर आरोप लगाए.

जसलीन कौर नाम की युवा वोटर ने कहा, वे उन्हें वोट देंगी, जो सिख समुदाय के विकास में योगदान देगा. हालांकि, सोना कालरा नाम की वोटर ने सिरसा के नेतृत्व वाले प्रबंधन कमेटी पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर चिंता जताई.  
 
विपक्षी लगा रहे आरोप
सिरसा के विरोधी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उनपर निशाना साध रहे हैं. अकाली दल (दिल्ली) से चुनाव लड़ रहे परमजीत सिंह सरना ने अपने 13 साल के कार्यकाल की तुलना एसएडी के नेतृत्व वाले प्रबंधन के 8 साल से की. सरना ने कहा, खर्च करने की क्षमता के मामले में दिल्ली की गुरुद्वारा समिति सबसे अमीर है. जब हमारा कार्यकाल पूरा हुआ था, तो हमने निकाय में 100 करोड़ रुपए से अधिक छोड़े थे. उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर हैं. 

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इन सबके बावजूद सिरसा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने विश्वास है कि किसान आंदोलन और कोरोना की दूसरी लहर के वक्त प्रबंधन द्वारा किया गया कार्य, जीत की वजह बनेगा. उन्होंने 26 जनवरी को लाल किले पर फैली हिंसा का भी जिक्र किया. सिरसा ने कहा, ये सब सिख समुदाय को बदनाम करने के लिए किया गया था. लेकिन हमने इन प्रयासों को नाकाम कर दिया. 

इनपुट- अमित भारद्वाज


 

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