संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के बाद लापता प्रदर्शनकारियों को लेकर चिंता जताई है. मोर्चा के मुताबिक सौ से अधिक प्रदर्शनकारी लापता हैं. लापता लोगों से जुड़े मामले देखने के लिए मोर्चा ने एक कमेटी बनाई है, जो लापता प्रदर्शनकारियों के संबंध में जानकारी एकत्रित कर अथॉरिटीज के साथ कार्रवाई शुरू करेगी. इस कमेटी में प्रेम सिंह भंगू, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, अवतार सिंह, किरनजीत सिंह सेखों और बलजीत सिंह शामिल हैं.
पीएम मोदी ने कहा है कि वे आज भी एक फोन कॉल की दूरी पर हैं. पीएम की इस पहल के बाद किसानों को सकारात्मक खबर की उम्मीद जगी है. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता जीतू ने आजतक से बात करते हुए कहा कि आने वाले पांच दिन सकारात्मक नजर आ रहे हैं. हमें भरोसा है कि सरकार से बातचीत में कोई सकारात्मक परिणाम सामने आएगा. जीतू ने साथ ही यह भी जोड़ा कि पहले दिन से हमारा मानना है कि सरकार किसान आंदोलन को विफल करने की कोशिश न करे बल्कि किसानों को परेशानी को समझकर हल निकाले. लेकिन सरकार आंदोलन फेल करने के लिए प्रोपेगैंडा करती रही. सरकार हमारी मांगें मान ले तो हम खुद यहां से चले जाएंगे.
हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन के कारण अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जिंद, रोहतक, भिवाणी, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर जिले में इंटरनेट, डोंगल सेवाओं पर रोक लगा दी थी. सरकार ने वॉयस कॉल छोड़कर अन्य सेवाओं पर लगाई गई रोक की अवधि बढ़ा दी है. इंटरनेट, डोंगल पर रोक 1 फरवरी की शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार इस मसले पर सीरीयस नहीं है. उन्होंने कहा कि फोन कॉल से बात नहीं बनती है. उन्होंने हम कभी भी बातचीत से पीछे नहीं हटे हैं. पंढेर ने नए कानून 18 महीने सस्पेंड रखने की सरकार की ओर से की गई पेशकश को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने इतनी बैरिकेडिंग क्यों की है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे भी साजिश है. उस वक्त किसानों को फ्री रन क्यों दिया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक के बाद कई ट्वीट किए हैं. तोमर ने कहा है कि नई व्यवस्था में मंडियां प्रभावित नहीं हो रही हैं. मंडियां अब सेवा के लिहाज से अधिक प्रतिस्पर्धी और किफायती साबित हो सकेंगी. ये व्यवस्थाएं किसानों के हित के लिए समान रूप से क्रियाशील रहेंगी. उन्होंने शरद पवार को टैग करते हुए कहा है कि वे वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं. वे कृषि से जुड़े मुद्दों और उनके समाधान से भलीभांति वाकिफ हैं. उन्होंने (शरद पवार) ने भी कृषि संबंधी सुधारों की पुरजोर कोशिश की थी.
मुजफ्फरनगर के बाद बागपत में किसान महापंचायत हो रही है. मुजफ्फरनगर में राजनीतिक दलों के लोग भी पहुंचे थे, लेकिन बागपत की किसान महापंचायत में कई गांवों के किसान और किसान नेता पहुंचे. किसान महापंचायत में नेताओं ने यह कहा कि केंद्र सरकार से उनकी लड़ाई किसानों के हित के लिए है.
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी के 'तिरंगे के अपमान' वाले बयान को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी योग दिवस पर तिरंगे से मुंह, नाक, पसीना पोंछ लें. बीजेपी कार्यकर्ता तिरंगा कमल के डंडे पे फहरायें. बीजेपी की सभा में तिरंगा ही उल्टा लटका दें. वो देशप्रेम और अनुशासन की दुहाई देते हैं. काश पीएम ने इन वाकयों को लेकर भी देश से माफी मांग लिया होता.
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी हुआ है. पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर किसान नेता और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे राकेश टिकैत ने कहा है कि क्या तिरंगा सिर्फ प्रधानमंत्री का है. राकेश टिकैत ने कहा कि सारा देश तिरंगे से प्यार करता है, जिसने तिरंगे का अपमान किया है उसको पकड़ा जाए. सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों पर बातचीत फिर से शुरू करने पर राकेश टिकैत ने कहा कि बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं होगी.
कृषि कानून के खिलाफ रविवार को 65वें दिन भी दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों ने यहां पर टेंट लगा रखे हैं. रविवार सुबह दिल्ली में मौसम साफ है. आसमान में धूप खिली है. आंदोलन के दौरान सभी किसान और उनके नेता सुबह-सुबह चाय की चुस्की लेते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की तैयारी भी बेहद सख्त दिख रही है. बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है, इसके साथ ही उसेक ऊपर नुकीले तार भी लगाए गए हैं. जिससे कि किसानों को दिल्ली के अंदर दाखिल होने से रोका जा सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किसानों और मेरे बीच बस एक कॉल की दूरी वाले बयान पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है, उसका स्वागत करते हैं, हमारी तो बस यही मांग है कि तीनों काले कानून वापस लिए जाएं और MSP पर कानून बनाया जाए. नरेश टिकैत ने हरियाणा में इंटरनेट की पाबंदी की आलोचना की है.
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद किसान आंदोलन को धार देने के लिए पंचायतों का दौर शुरू हो गया है. पिछले दिनों जहां उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत हुई, तो वहीं आंदोलन की नई रणनीति तय करने के लिये अब किसान नेताओं ने यूपी और हरियाणा में किसान महापंचायत करने का ऐलान किया है.
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के बढ़ते संख्या बल को देखते हुए पुलिस ने रातोंरात 12 लेयर की बैरिकेडिंग कर दी है. ताकि किसान दिल्ली की ओर कूच ना कर सकें. गाजीपुर बॉर्डर पर यह बैरिकेडिंग दिल्ली पुलिस की तरफ से की गई है. पुलिस को आशंका है कि एक फरवरी को बजट सत्र के दौरान किसान एक बार फिर से दिल्ली की तरफ कूच कर सकते हैं. इसी वजह से बॉर्डर पर 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानून के खिलाफ दो महीने से ज्यादा वक्त से आंदोलन चल रहा है. 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुई घटना के बाद से किसान वापस जा रहे थे. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भी गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने का आदेश दिया गया था. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर दूर-दूर तक एक बार फिर ट्रैक्टर ट्रॉली ही नजर आ रही है.