
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था. दिल्ली सरकार के इस फैसले का पटाखा व्यावसायियों ने विरोध करते हुए इसे निराशाजनक बताया था. पटाखों का त्योहार करीब आते ही अब इस मुद्दे पर राजनीति भी सरगर्म होती नजर आ रही है. पटाखों पर प्रतिबंध का मुद्दा भी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर पटाखों के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की अपील की है. बीजेपी सांसद की ओर से अधिवक्ता शशांक झा ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिका का उल्लेख किया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सूचीबद्ध कर लिया है. इस पर सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी.
याचिका में कहा गया है कि साल 2021 में कई राज्यों ने पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले के कारण दिवाली की शाम हिंदुओं को निशाना बनाया गया और उनकी गिरफ्तारियां की गई थीं. साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक डिटेल ऑर्डर पास किया था. इसमें ये साफ किया गया था कि पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और बैलेंस रखना होगा.
याचिका में ये भी कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल ने अब फिर से औरंगजेब की तरह पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. व्यापारियों को पहले ही कोरोना के कारण बड़ा झटका लगा है. अब दिल्ली सरकार के इस फैसले से व्यापारियों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो जाएगा. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट करके भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है.
मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार यहां इसलिए प्रतिबंध लगा रही है ताकि लोगों का ध्यान इस खबर से हट जाए कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन नहीं करने के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है. इससे वातावरण को नुकसान पहुंच रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने त्योहारों के मौसम में पटाखों की खरीद-बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. माना जा रहा है कि दिल्ली के बाद अब अन्य राज्य भी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा सकते हैं.