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दिल्ली में बहुत जल्द आ सकती है फायर की नई पॉलिसी और नॉर्म्स

अर्पित होटल की घटना के बाद करोलबाग और उसके आसपास के होटल्स पर चेंकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी.

अर्पित होटल अर्पित होटल
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

अर्पित होटल के बाद करोलबाग और उसके आसपास के होटल्स पर शिकंजा कसा तो पता लगा कि ज्यादातर होटल ने जो भी फायर फाइटिंग इक्विपमेंट लगा रखे हैं, उनमें से ज्यादातर का मेंटेंनेस ही नहीं होता. वहीं फायर को पता लगा कि ज्यादातर होटल के पास पानी के स्टोरेज की जगह नहीं है और घरेलू सिलिंडर ज्यादा संख्या में हैं, लेकिन उनको भी रखने के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं मिले. अर्पित होटल की आग ने न केवल 17 की जान ले ली बल्कि करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को बेरोजगार कर दिया.

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हादसे से सबक लेते हुए दिल्ली फायर विभाग ने पहाड़गंज होटल महासंघ को ताकीद की है कि वो रिसेप्शन और सीढ़ियों पर से लकड़ी के प्रयोग को कम से कम कर दे या फिर हटा दें. दिल्ली फायर चीफ जीसी मिश्र ने होटल बिजनेसमैन को आश्वासन दिया कि 15 कमरों वाले होटल पर जो नॉर्म्स लगते हैं और 20 पर जो नॉर्म्स लगते हैं उसी हिसाब से ही चेकिंग की जाएगी.

होटल महासंघ के ज्वॉइंट सेक्रेटी अरुण गुप्ता ने विश्वास दिलाया है कि घटना के बाद से वो अब फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स की टेक्निकल एएमसी Annual Maintenance check करवाएंगे, जिससे हर महीने फायर की चीजों का मेंटेनेंस पुख्ता हो सके. पहाड़गंज इलाके में फायर की 6 टीम इंस्पेक्शन कर रही हैं. पहाड़गंज के बाद पूरी दिल्ली में इंस्पेक्शन होगा, जिन होटलों की noc को सस्पेंड किया गया है, उनको सभी नॉर्म्स ठीक करने के लिए करीब 15 दिन का समय दिया गया है.

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नॉर्म्स ये कहता है कि छोटे होटलों में हर फ्लोर पर आग बुझाने के दो सिलेंडर होने चाहिए, उससे बड़े होटलों में होजरी और पंप के साथ ही एग्जिट साइन बोर्ड, फायर अलार्म, स्प्रिंकलर, हाइड्रेंट होने चाहिए. 2010 में, नई पॉलिसी में दिल्ली फायर सर्विस एक्ट के मुताबिक होटल, गेस्ट हाउस, रेजिडेंशियल बिल्डिंग में आती हैं, जिन पर कमरों की संख्या के हिसाब से फायर के नियम लागू होते हैं,

नई पॉलिसी के खास बिंदु जिन पर विमर्श चल रहा है

सबसे खास ये है कि बाहर निकलने के लिए जीना और वेंटिलेशन के पुख्ता इंतजाम हो, जिससे किसी भी फायर इमरजेंसी में लोग इसका इस्तेमाल कर सकें. कुछ ऐसे अरेंजमेंट भी किए जा रहे हैं, जिससे की तुरंत सूचना मिले जैसे अर्पित में डेढ़ घंटे बाद सूचना मिली थी. दिल्ली फायर चीफ ने दावा किया कि महीने भर के भीतर सरकार फायर के लिए नई पालिसी ला सकती है. इस पर भी पर काम किया जा रहा है. अलग-अलग समय की बनी हुई इमारतों पर फायर के इंतजाम और उनके नियम कानून को अप्लाई करना मुश्किल होता है. ऐसे में अगर फायर फाइटिंग लगाने के लिए पूरा स्ट्रक्चर बदलना पड़े तो काफी मुश्किलें आती हैं, ऐसे में देखा जा रहा है कि स्ट्रक्चरल चेंज करके कैसे सेफ्टी को बढ़ाया जा सकता है.

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