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दिल्ली पुलिस से बहस के बाद थाने में धरने पर बैठे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पार्क में कर रहे थे मीटिंग

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दिल्ली पुलिस से बहस होने के बाद अपने समर्थकों के साथ थाने में धरना शुरू कर दिया है. पुलिस का कहना है कि मलिक आरकेपुरम सेक्टर 12 में स्थित पार्क में बिना परमिशन के मीटिंग कर रहे थे. इसको लेकर उनसे पूछताछ की गई थी.

सत्यपाल मलिक ने थाने में शुरू किया धरना. सत्यपाल मलिक ने थाने में शुरू किया धरना.
श्रेया चटर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समर्थन में हरियाणा से कुछ किसान नेता दिल्ली उनके आवास पर पहुंचे थे. सत्यपाल मलिक ने आरकेपुरम सेक्टर 12 में स्थित पार्क में उनके लिए भोजन की व्यवस्था की. दिल्ली पुलिस का कहना है कि पार्क में मीटिंग करने को लेकर उनके पास अनुमति नहीं थी, इसी को लेकर पुलिस ने आपत्ति जताई.

कुछ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिल्ली पुलिस द्वारा इस एक्शन के बाद सत्यपाल मलिक ने थाने पहुंचे और धरना देने की घोषणा कर दी. वहीं पुलिस का कहना है कि सत्यपाल मलिक का बेटा और बेटी आरकेपुरम इलाके में रहते हैं. मलिक यहां बड़ी संख्या में लोगों के साथ एक पार्क मीटिंग कर रहे थे. जब पुलिस ने उनसे पूछा कि सार्वजनिक जगह पर मीटिंग की परमिशन है तो उन्होंने मना कर दिया.

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यह भी पढ़ेंः पुलवामा अटैक: सत्यपाल मलिक के दावों पर घमासान... कांग्रेस के 5 सवाल, मोदी सरकार पर वार

पुलिस ने कहा कि सत्यपाल मलिक अपनी कार से थाने आए. पुलिस ने न तो उन्हें बुलाया और न ही हिरासत में लिया. डीसीपी साउथ वेस्ट ने कहा है कि हमने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को हिरासत में नहीं लिया है, वह अपने समर्थकों के साथ आरकेपुरम पुलिस स्टेशन में अपनी इच्छा से आए हैं. सत्यपाल मलिक को हिरासत में लेने के संबंध में सोशल मीडिया में गलत सूचना फैलाई जा रही है. हमने उनसे कहा है कि वह अपनी मर्जी से जा सकते हैं.

पुलवामा हमले को लेकर मलिक ने दिया था बयान

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर कुछ दावे किए थे. उन्होंने दावा किया था कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में खामियां थीं, जिसके कारण फरवरी 2019 का हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस बयान के बाद भाजपा ने कहा था कि मलिक की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठते हैं. बीजेपी ने हाल के वर्षों में मलिक के द्वारा दिए गए विभिन्न बयानों का हवाला देते हुए यह बात कही थी.

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सीबीआई ने मलिक को पुराने मामले में किया है तलब

सीबीआई ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को तलब किया है. जम्मू कश्मीर में उनके राज्यपाल रहते हुए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के मामले में उनसे पूछताछ की जाएगी. सत्यपाल मलिक ने इंडिया टुडे/आज तक को बताया था कि सीबीआई ने मुझे पेश होने को कहा है. वे भ्रष्टाचार के इस मामले में कुछ चीजों पर मुझसे स्पष्टीकरण चाहते हैं. उन्होंने मुझसे मौखिक तौर पर 27 और 28 अप्रैल को मेरी सुविधानुसार पेश होने को कहा है. हालांकि, अभी तक सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के इस दावे की पुष्टि नहीं की है. 

कांग्रेस ने कहा- सत्यपाल मलिक ने कलई खोली तो कर दी कार्रवाई

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई ने रिलायंस इंश्योरेंस केस में पूछताछ के लिए बुलाया था. रिलायंस इंश्योरेंस केस में सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा बुलाए जाने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि आखिरकार पीएम मोदी से रहा न गया. सत्यपाल मलिक ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी. अब सीबीआई ने मलिक जी को बुलाया है. ये तो होना ही था.

क्या है मामला?

सत्यपाल मलिक को साल 2018 में बतौर राज्यपाल जम्मू-कश्मीर भेजा गया था. मलिक के कार्यकाल में ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था. इसके बाद उन्हें बतौर राज्यपाल मेघालय भेज दिया गया था, लेकिन इस बीच उन्होंने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

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मलिक ने कहा था- मंजूरी के लिए फाइलें आई थीं

पूर्व राज्यपाल मलिक ने कहा था कि कश्मीर जाने के बाद उनके पास मंजूरी के लिए दो फाइलें आई थीं. इनमें से एक फाइल अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की थी, जो पिछली महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का बहुत करीब होने का दावा करते थे. 

यह भी पढ़ेंः पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दावा- मेरी सुरक्षा कम की गई, किसानों और अग्निवीर योजना पर बोलने की मिली सजा

मलिक ने कहा था कि मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि ये एक घोटाला है और मैंने उसके अनुरूप ही दोनों डील्स को रद्द कर दिया था. मलिक ने यह भी बताया था कि सचिवों ने उनसे कहा था कि आपको हर फाइल को पास करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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