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दिल्ली सरकार का दावा, स्वाइन फ्लू से अब तक चार लोगों की मौत

दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अब तक स्वाइन फ्लू के कुल 889 मामले सामने आए हैं, जिसमें अब तक 4 मरीजों की मौत हुई है. तो वहीं देशभर में अब तक 16565 मामले आए हैं, जिनमें 818 मरीजों की मौत हुई है.

दिल्ली में स्वाइन फ्लू का कहर दिल्ली में स्वाइन फ्लू का कहर
रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:52 PM IST

देश भर में बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों के बीच, दिल्ली सरकार के मुताबिक स्वाइन फ्लू से अब तक 4 मौतें हुई हैं, लेकिन दिल्ली के 5 बड़े अस्पतालों का रिपोर्ट कार्ड कुछ और ही कहता है. जी हां, स्वाइन फ्लू H1N1 का वायरस तेजी से दिल्ली को अपनी चपेट में ले रहा है. इस साल ये वायरस सीजन से काफी पहले ही एक्टिव हो गया है.

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दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अब तक स्वाइन फ्लू के कुल 889 मामले सामने आए हैं, जिसमें अब तक 4 मरीजों की मौत हुई है. तो वहीं देशभर में अब तक 16565 मामले आए हैं, जिनमें 818 मरीजों की मौत हुई है.

दिल्ली सरकार बेशक स्वाइन फ्लू से अब तक 4 मरीजों की मौत का दावा कर रही हो, लेकिन दिल्ली के 5 बड़े अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के जानलेवा वायरस की वजह से इस साल अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है. आपको बता दें कि केन्द्र सरकार के तीन बड़े अस्पतालों में ही अब तक स्वाइन फ्लू से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है, इनमें से 5 मौत सफदरजंग अस्पताल, 4 मौत आरएमएल अस्पताल और 1 मौत एम्स में रिपोर्ट की गई है. जबकी बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और सर गंगाराम अस्पताल में 1-1 मरीज की मौत हुई है, जिनमें स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाया गया था.

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दिल्ली सरकार ने जुलाई की शुरूआत में जो आंकड़े दिए थे, उसके मुताबिक स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 320 थी, यानी पिछले एक महीने में स्वाइन फ्लू का वायरस दोगुनी तेजी से फैला है. हालात ये हैं कि अस्पतालों में डेंगू से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक संदिग्ध मरीजों की जांच कराने पर 50 पर्सेंट मामले में वायरस पॉजिटिव आ रहा है. स्वाइन फ्लू के वायरस के समय से पहले एक्टिव होने से डॉक्टर भी चिंतित हैं.

H1N1 वायरस से ग्रसित मरीजों के मामलें अप्रैल के महीने से सामने आ रहे हैं

बाड़ा हिंदू राव अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ दीपक दास के मुताबिक, स्वाइन फ्लू का सीजन अमूमन बरसात के बाद माना जाता है, यानी अक्टूबर, नवम्बर के महीने में स्वाइन फ्लू के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं, लेकिन इस साल H1N1 वायरस से ग्रसित मरीजों के मामलें अप्रैल के महीने से सामने आ रहे हैं. ये देखा गया है कि वायरस साल-दर-साल म्यूटेट होते रहते हैं, ऐसे में इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि स्वाइन फ्लू का वायरस इस बार गंभीर रूप नहीं लेगा.

 

 लिहाजा लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. खास तौर पर बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और हाई रिस्क मरीजों को सतर्कता बरतनी होगी. ऐसे लोग जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हों, वो सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें. बार बार साबुन पानी से हाथ धोते रहे, खांसते या छींकते वक्त मुंह और नाक कवर कर लें. जरूरत के मुताबिक N-95 मास्क का उपयोग करें.

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हालांकि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि, स्वाइन फ्लू का वायरस जानलेवा नहीं है. लोगों को डरने की जरुरत नहीं है, हालांकि बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी अस्पतालों को जरूरी इंतजाम के आदेश दिए जा चुके हैं. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किए गए हैं, तो वहीं 19 सरकारी और 6 निजी अस्पतालों में इलाज की इजाजत है. अस्पतालों में दवाईयां उपलब्ध है और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त में दवाएं दी जा रही हैं.

 

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